UP Assembly Election 2022: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाथरस में बलात्कार के बाद जान गंवाने वाली युवती की याद में पिछले वर्ष नवंबर में हर माह की 30 तारीख को ‘हाथरस की बेटी स्मृति दिवस’ मनाने की बात कही थी. इसी क्रम में उन्होंने रविवार को हाथरस की पीड़िता की याद में मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि देती हुई अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है.


इससे पहले किये गये अपने ट्वीट में पीड़िता के प्रति हुये अपराध के लिये सरकार को घेरते हुये सपा प्रमुख ने ट्वीट कर कहा था कि प्रदेशवासियों व सपा कार्यकर्ताओं से अपील है कि हर महीने की तीस तारीख को याद किये जाने वाले ‘हाथरस की बेटी स्मृति दिवस’ की कड़ी में आज 30 जनवरी को ‘हाथरस की बेटी स्मृति दिवस’ मनाएं और लोगों को ‘दलित व महिला विरोधी भाजपा’ की बर्बरता याद दिलाएं!


यूपी कहे आज का 
नहीं चाहिए भाजपा






जबरन अंतिम संस्कार से परिवार में था रोष


उन्होंने कहा था कि हर महीने 30 तारीख को  बीजेपी की सरकार का दलित और महिला विरोधी चेहरा बेनकाब किया जाएगा. गौरतलब है कि हाथरस के एक गांव में 14 सितंबर 2020 को 19 साल की युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. युवती की हालत बिगड़ने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था, जहां घटना के दो हफ्ते बाद पीड़िता की मौत हो गयी थी. परिवार और स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश था कि पुलिस ने जबरन आधी रात को उसका अंतिम संस्कार करवा दिया था. वहीं, स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना था कि परिवार की इच्छा के अनुसार अंतिम संस्कार कराया गया है.






कांग्रेस ने की थी विधानसभा चुनावों में टिकट की पेशकश


हाथरस कांड के पीड़ित परिवार को कांग्रेस ने इस वर्ष विधानसभा चुनावों को लड़ने के लिये टिकट की भी पेशकश की थी पर पीड़िता के परिवार वालों ने चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया था. पीड़िता के परिवार ने कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है, पीड़िता के भाई ने कहा कि वे राजनीति के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं क्योंकि बहन के लिए न्याय मांगना उनकी पहली प्राथमिकता है न की चुनाव लड़ना.


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