पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ सकते हैं अखिलेश यादव
पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं. इन दिनों समाजवादी पार्टी में ऐसी चर्चा है. मोदी को उनके ही गढ़ में घेरने के लिए बीएसपी के भी कुछ नेता ऐसा ही चाहते हैं. अगर अखिलेश यादव राजी हुए तो वे विपक्ष के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं.
लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं. इन दिनों समाजवादी पार्टी में ऐसी चर्चा है. मोदी को उनके ही गढ़ में घेरने के लिए बीएसपी के भी कुछ नेता ऐसा ही चाहते हैं. अगर अखिलेश यादव राजी हुए तो वे विपक्ष के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं. ऐसे हालात में मोदी के लिए संसद पहुँचने का रास्ता मुश्किल हो सकता है. वैसे अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर अपने मन की बात नहीं बताई है.
अखिलेश यादव इस बार हर हाल में लोक सभा का चुनाव लड़ेंगे. यूपी में विधान सभा चुनाव अभी चार साल दूर हैं. अब अखिलेश कहाँ से चुनावी मैदान में उतरें? इस पर फैसला नहीं हो पा रहा है. अखिलेश के एक दोस्त जो अब समाजवादी पार्टी में नेता भी हैं ने कहा,"अखिलेश जी अगर कन्नौज या मैनपुरी से चुनाव लड़ते है और जीत जाते हैं तो ये कोई बड़ी बात नहीं होगी. लेकिन अगर वे मोदी को हरा देते हैं तो देश की राजनीति बदल जाएगी."
समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं की राय है कि अखिलेश ऐसी जगह से चुनाव लड़ें, जिससे एक राजनैतिक मैसेज जाये. इसके लिए वाराणसी से कोई बेहतर जगह नहीं हो सकती है. वैसे अखिलेश यादव ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
मुलायम सिंह यादव इस बार आज़मगढ़ के बदले मैनपुरी से चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं. रामगोपाल यादव इस बार सँभल से लड़ना चाहते हैं. मैनपुरी के सांसद तेज़ प्रताप यादव फिर कहां जायेंगे? समाजवादी पार्टी के सूत्र की मानें तो कन्नौज से तेज़ को टिकट मिल सकता है.
हो सकता है कि अखिलेश खुद वाराणसी या फिर किसी हाई प्रोफ़ाइल जगह से चुनाव लड़ें. वैसे अभी फ़ाइनल कुछ नहीं हुआ है. बीएसपी के एक राज्य सभा सांसद ने कहा,"अगर अखिलेश जी बनारस से लड़ते हैं तो फिर हम मोदी जी को वहीं घेरने में कामयाब हो सकते हैं. भले ही अखिलेश जी चुनाव जीते या हारें."
पिछला लोकसभा चुनाव 2014 में हुआ था. तब बीजेपी के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को 4 लाख 81 हज़ार वोट मिले थे. मोदी को 56.37 प्रतिशत वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल रहे. जिन्हें 2 लाख 9 हज़ार यानी 20.30 फ़ीसदी वोट मिले. कांग्रेस तीसरे, बीएसपी चौथे और समाजवादी पार्टी पाँचवें नंबर पर रही थी.