नई दिल्ली: 23 मई को आए लोकसभा चुनाव के नतीजे में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो गया है. कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ख़ुद अमेठी से चुनाव हार गए हैं. मोदी लहर में सवार बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ एक बार फिर केंद्र में सरकार बनाने जा रही है.


अब बात कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिवों की
जम्मू-कश्मीर की प्रभारी अम्बिका सोनी ख़ुद तो चुनाव नहीं लड़ीं लेकिन उनके प्रभारी रहते जम्मू-कश्मीर में पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई.


रजनी पाटिल को राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद हिमाचल प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था. वहां भी कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली.


पंजाब की प्रभारी हिमाचल से विधायक आशा कुमारी हैं. पंजाब में कांग्रेस की सरकार है जहां पार्टी को 8 सीटें मिली.


हरियाणा में पिछले पांच साल से ना ही कोई ज़िला अध्यक्ष है और ना ही ब्लॉक अध्यक्ष. दस सीटों वाले राज्य के प्रभारी ग़ुलाम नबी आज़ाद हैं. यहां भी पार्टी खाता नहीं खोल पाई


दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको ने ख़ुद चुनाव नहीं लड़ा और इनके राज्य में भी सातों सीटें बीजेपी ने जीती.


राजस्थान में हाल ही में कांग्रेस की सरकार बनी थी. यहां के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे हैं. राजस्थान की 25 सीटों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला.


मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस को 29 में से केवल एक सीट मिली है. यहां के प्रभारी दीपक बाबरिया हैं.


छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया हैं जिनके बेटे यूपी से चुनाव लड़े और हार गए. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को दो सीट मिली. पुनिया ख़ुद चुनाव नहीं लड़े.


गुजरात के प्रभारी राजीव सातव जो 2014 में सांसद चुन कर आए थे लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा. यहां भी पार्टी खाता नहीं खोल पाई.


महाराष्ट्र के प्रभारी वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे हैं जो ख़ुद भी कर्नाटक से चुनाव हार गए और महाराष्ट्र में पार्टी महज़ एक सीट पर सिमट गई.


ओडिशा के प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह हैं जो राजस्थान से लोकसभा चुनाव लड़े और हार गए. लेकिन जिस राज्य के प्रभारी है वहां पार्टी का खाता नहीं खुल पाया.


झारखंड के प्रभारी महासचिव आरपीएन सिंह हैं जो कुशीनगर से लोकसभा चुनाव हार गए. लेकिन झारखंड में पार्टी को एक सीट मिली.


तमिलनाड के प्रभारी मुकुल वासनिक हैं जहां पार्टी को 9 सीटों के साथ बड़ी राहत है. वहीं केरल भी मुकुल वासनिक के पास है. वहां भी कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और पार्टी के हिस्से में 15 सीटें आई.


आंध्र प्रदेश के महासचिव ओमान चांडी भी खाता नहीं खोल पाए. बिहार के प्रभारी शंक्ति सिंह गोहिल पार्टी को एक सीट दिलाने में कामयाब रहे.


पश्चिम बंगाल के प्रभारी गौरव गोगई लोकसभा चुनाव जीत गए और बंगाल में कांग्रेस के हिस्से में 2 सीट आई.


अब बात यूपी की
राहुल गांधी ने यूपी की ज़िम्मेदारी प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी थी जहां सिर्फ़ सोनिया गांधी एक सीट जीत पाई. ख़ुद राहुल गांधी भी चुनाव हार गए.


असम के प्रभारी हरीश रावत उत्तराखंड से ख़ुद चुनाव हार गए और असम में कांग्रेस को सिर्फ़ तीन सीट मिली.


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