Jharkhand Elections 2024: झारखंड में विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर सियासी पारा फिलहाल हाई है. गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार (तीन नवंबर, 2024) को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली सरकार पर वोट बैंक की राजनीति के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. उन्होंने इस दौरान तीखा हमला किया और कहा कि झारखंड में आदिवासी आबादी में भारी गिरावट आ रही है. जेएमएम-कांग्रेस-राजद गठबंधन राजनीतिक फायदे के लिए इसे बढ़ावा दे रहा है. हालांकि, अमित शाह के बयान के बाद पलटवार में सीएम हेमंत सोरेन ने भी कह दिया कि अगर उनकी पार्टी बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है तो केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने शेख हसीना को भारत क्यों आने दिया (बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद) था?
न्यूज एजेंसी 'पीटीआई' की रिपोर्ट के मुताबिक, अमित शाह ने पूर्वी सिंहभूम जिले में घाटशिला के धालभूमगढ़ में भाजपा की रैली को संबोधित करते हुए दावा किया राज्य में आदिवासी आबादी घट रही है क्योंकि हेमंत सोरेन सरकार ‘‘बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोट बैंक’’ मानती है. घुसपैठ के कारण संथाल परगना और कोल्हान क्षेत्रों में आदिवासी आबादी में भारी गिरावट आ रही है.
समान नागरिक संहिता का कानून लाएगी भाजपा
अमित शाह के अनुसार, जेएमएम-कांग्रेस-राजद गठबंधन राजनीतिक फायदे के लिए इसे बढ़ावा दे रहा है. अगर राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो आदिवासियों की जमीन को अवैध प्रवासियों को हस्तांतरित होने से रोकने के लिए कड़ा कानून लाएगी. मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा और झारखंड में आदिवासी आबादी को प्रभावित किए बिना समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाएगी.
JMM ने नक्सलवाद का समर्थन किया
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हमारी ‘माटी, बेटी, रोटी’ पर हमला हो रहा है. भाजपा इसे जारी नहीं रहने देगी… हम उनकी ओर से हड़पी गई जमीन भी वापस ले लेंगे और उन्हें बाहर निकाल देंगे. उनकी सरकार झारखंड में समान नागरिक संहिता लागू करेगी, लेकिन आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा. झामुमो ने नक्सलवाद का समर्थन किया जबकि केंद्र की भाजपा सरकार ने इसका सफाया कर दिया.
शाह के बयान पर CM हेमंत सोरेन ने क्या कहा?
अमित शाह के आरोपों पर हेमंत सोरेन ने भाजपा पर बांग्लादेश से रिश्ते मजबूत करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “भाजपा नेताओं के पास बांग्लादेश को लेकर दोहरे मानदंड हैं. जब बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सरकार से बाहर किया गया तो भारत में उनको शरण की अनुमति क्यों दी गई. क्या बांग्लादेश के साथ पीएम मोदी ने कोई आंतरिक व्यवस्था की है? शेख हसीना को भारत में शरण लेने की अनुमति किस आधार पर दी? झारखंड में बिजली उत्पादित होती है तो उसे बांग्लादेश को क्यों दिया जाता है? केंद्र सरकार का कर्तव्य नहीं है कि वह घुसपैठ को रोके. राज्य सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है.”
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