Lok Sabha Election 2019: हां-ना, हां-ना करते शिवसेना और बीजेपी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की आधिकारिक घोषणा कर दी है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में गठबंधन की घोषणा की गई.
इस मौके पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, ''बीजेपी शिवसेना के करोड़ों कार्यकर्ताओं की मन की बात पूरी हो गई है. सभी चाहते थे कि बीजेपी और शिवसेना साथ चुनाव लड़े. उद्धव ठाकरे से विस्तृत चर्चा के बाद गठबंधन पर फैसला लिया गया. शिवसेना और अकाली दल ने हर मौकों पर बीजेपी का साथ दिया है. इसी टेबल पर आज मनमुटाव खत्म हो चुका है.'' उन्होंने कहा कि हम सूबे के 48 सीटों में से 45 सीटों पर चुनाव जीतेंगे.
समझौते के तहत लोकसभा चुनाव में शिवसेना 23 और बीजेपी 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं विधानसभा चुनाव में 50-50 का फॉर्मूला होगा. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रकाश जावड़ेकर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद थे.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बीजेपी और शिवसेना पिछले 25 साल से एक है. कुछ मुद्दों पर हमारे बीच मतभेद हुए होंगे. लेकिन दोनों पार्टियां हिंदुत्व की विचारधारा वाली पार्टी है. इसलिए इतने साल हम एक रहे.
उन्होंने कहा, ''पिछले विधानसभा चुनावों में कुछ कारणों की वजह से हम एक नहीं हो पाए. लेकिन पिछले 5 सालों से हम केंद्र की सरकार एक होकर चला रहे हैं. हमने अगले सारे चुनाव एक होकर लड़ने का निर्णय लिया है. हम एक दूसरे को साथ लेकर, एक दूसरे के साथ विचार विमर्श कर आगे बढ़ेंगे.''
जयपुर से मुंबई आने के बाद शाह ने लक्जरी होटल में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और उपनगर बांद्रा में शिवसेना प्रमुख के आवास मातोश्री गए. जहां अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच बैठक हुई.
ध्यान रहे कि इससे पहले ठाकरे सहित दूसरे शिवसेना नेता कहते रहे हैं कि पार्टी चुनावों में अकेले ही उतरेगी. एक साल पहले ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने आगामी चुनावों में अकेले जाने का प्रस्ताव पारित किया था.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना साथ चुनाव लड़ी थी और बीजेपी 23 और शिवसेना 18 सीट जीतने में कामयाब रही थी. शिवसेना ने 20 और बीजेपी ने 24 सीटों पर हाथ आजमाया था.दोनों दलों ने अक्टूबर 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव अलग-अलग लड़ा और चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए साथ आ गए. केंद्र और राज्य सरकार में भागीदार होने के बावजूद बीजेपी और शिवसेना के बीच तल्खी भरे संबंध रहे.