लोकसभा चुनाव: शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन के लिए रखी कई शर्तें, अमित शाह को मंजूर नहीं
शिवसेना के ओर से कड़ी शर्तो के साथ आये इस फॉर्मूले पर बीजेपी की ओर से खास उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है. बीजेपी किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री का पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है. इस बीच महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी एक साथ चुनाव लड़ने को लेकर गठबंधन की शर्तें तय हो रही है. गठबंधन की बातचीत शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस के बीच हो रही है. इस बातचीत में फडणवीस और उद्धव ठाकरे के भरोसे के दो नेता भी शामिल हैं. उद्धव ठाकरे ने चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए कई कड़ी शर्त रखी है.
सूत्रों के मुताबिक शिवसेना प्रमुख चाहते हैं कि 2019 में लोकसभा चुनाव में 2014 का फार्मूला ही लागू रहे. यानी बीजेपी 27 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़े और शिवसेना को 21 लोकसभा सीटें मिले. लेकिन ये तभी संभव है जब दिल्ली में बड़ा भाई यानी बीजेपी महाराष्ट्र में शिवसेना को बड़ा भाई माने. इसके लिए बीजेपी को महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद शिवसेना को देना होगा.
सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना प्रमुख की ओर से ये भी कहा गया है कि वो राज्य में विधानसभा की 288 सीटों में से आधी-आधी सीटों यानी 144 -144 विधानसभा सीटों के गठबंधन के साथ भी चुनाव लड़ने को तैयार है. लेकिन मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होना चाहिए. शिवसेना ने यह भी शर्त रखी है कि लोकसभा चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव भी कराए जाएं.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में अक्टूबर 2019 में विधानसभा चुनाव होने हैं और शिवसेना चाहती है कि विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ यानी तय समय से पांच महीने पहले मई 2019 में हो.
शिवसेना का मानना है कि अगर लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव नहीं हुए तो बीजेपी लोकसभा में तो ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ लेगी लेकिन विधानसभा चुनावो में वायदे से मुकर सकती है. बीजेपी 144-144 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देने से इनकार कर सकती है. शिवसेना के सूत्रों का कहना है कि इस बार शिवसेना धोखे में नहीं रहना चाहती है इसलिए लोकसभा के गठबंधन के साथ ही विधानसभा के गठबंधन का फॉर्मूला भी तय कर लेना चाहती है.
शिवसेना के ओर से कड़ी शर्तो के साथ आये इस फॉर्मूले पर बीजेपी की ओर से खास उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है. बीजेपी किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री का पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं. लेकिन बीजेपी की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस नहीं चाहतें हैं कि राज्य और लोकसभा के चुनाव एक साथ हो.
अमित शाह ने कही बड़ी बात मई-जून में राज्य में बड़े इलाके में सूखे जैसे हालात हो सकते हैं ऐसे में विधानसभा चुनाव कराना समझदारी नहीं होगी. फिलहाल बीजेपी की तरफ से इस बारे में कोई खास उत्साह नहीं होना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि बीजेपी शिवसेना के गठबंधन की राहें मुश्किल हैं. इस बात के संकेत दो दिन पहले महाराष्ट्र के सांसदों की बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी दिए हैं. शाह ने सांसदों की बैठक में कहा, "महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ अलायंस को लेकर हम सकारात्मक हैं लेकिन कुछ खोकर हम अलायंस नहीं करेगे."
बैठक में शामिल एक सांसद के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष ने साफ-साफ कहा, "जरूरत पड़ने पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहें.'' जाहिर है शिवसेना की कड़ी शर्तो के आगे बीजेपी के पास बहूत ज्यादा विकल्प नहीं है और महाराष्ट्र में बिना शिवसेना के चुनाव मैदान में उतारना बीजेपी के लिये मुनाफे के सौदा भी नहीं हैं. ऐसे में महाराष्ट्र में राजनीति के इस दावपेच में कौन पहले झुकेगा उस पर है गठबंधन का गणित निर्भर करेगा.