VVPAT मिलान की याचिका खारिज होने पर चंद्रबाबू नायडू बोले- पारदर्शिता के लिए लड़ता रहूंगा
8 अप्रैल को कोर्ट ने इस मामले में विपक्षी पार्टियों की दलील को स्वीकार करते हुए हर विधानसभा क्षेत्र में अब तक लागू 1 EVM और VVPAT के मिलान को बढ़ा कर 5 कर दिया था.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव में 50 प्रतिशत वीवीपैट मिलान की विपक्षी दलों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दिया था. याचिका खारिज होने के बाद आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को कहा कि वह चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए लड़ाई लड़ना बंद नहीं करेंगे.
नायडू ने कहा, ''हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन पार्टी झुकेगी नहीं और देश में चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए अपनी लड़ाई लड़ती रहेगी.'' तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख ने कहा कि चुनाव आयोग को उच्चतम न्यायालय के आठ अप्रैल के आदेश को ईमानदारी से लागू करने के प्रति जवाबदेह होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि किसी भी विसंगति की स्थिति में समूचे निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम नतीजे के साथ वीवीपैट पर्ची का मिलान होना चाहिए. सभी वीवीपैट पर्ची के मिलान से परिणाम में पांच दिन की देरी होने के चुनाव आयोग के दावे पर नायडू ने कहा, ''कुछ दिनों की तो बात है. चुनाव आयोग को अन्य चीजों के ऊपर साख और पारदर्शिता को तरजीह देना चाहिए.''
इससे पहले EVM-VVPAT मामले में विपक्षी पार्टियों की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि उसे पिछले आदेश में बदलाव की ज़रूरत नहीं लगती. 8 अप्रैल को कोर्ट ने इस मामले में विपक्षी पार्टियों की दलील को स्वीकार करते हुए हर विधानसभा क्षेत्र में अब तक लागू 1 EVM और VVPAT के मिलान को बढ़ा कर 5 कर दिया था. विपक्षी पार्टियां इसे और बढ़ाने की मांग कर रही थीं.