आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने शानदार प्रदर्शन किया. विधानसभा चुनाव में राज्य की 175 विधानसभी सीटों में से 144 पर एनडीए गठबंधन की जीत हुई है. इन 144 में से 135 पर सिर्फ टीडीपी का कब्जा है, जबकि 8 पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और 21 जनसेना पार्टी के खाते में गई हैं. ये तीनों ही दल एनडीए का हिस्सा है. राज्य की सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के खाते में सिर्फ 11 सीटें ही आई हैं.


लोकसभा चुनाव की बात करें तो आंध्र प्रदेश की 25 सीटों में से 21 पर एनडीए ने जीत दर्ज की है. टीडीपी 16 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है, जबकि जनसेना को दो, बीजेपी को तीन और वाईएसआरसीपी के पास सिर्फ 4 सीटें आई हैं. इस शानदार जीत के साथ टीडीपी एनडीए में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. 9 जून को चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ ले सकते हैं. 19 नवंबर 2021 को उन्होंने रोते हुए शपथ ली थी कि जब तक विधानसभा चुनाव जीत नहीं लेंगे, तब तक विधानसभा में कदम नहीं रखेंगे.


एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान चंद्रबाबू नायडू रो पड़े थे. वह अपनी पत्नी को लेकर की गई टिप्पणियों से आहत थे. उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में सभी अपमान सहन किए, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने सारी हदें पार कर दीं. चंद्राबाबू नायडू ने कहा था कि किसी भी महिला के बारे में बुरा बोलना उसके चरित्र पर ही असर डालता है. उन्होंने साथ में यह भी कहा कि उनकी पत्नी ने कभी राजनीति में हस्तक्षेप नहीं किया.   


नायडू ने कहा था, 'विधानसभा में आज जो कुछ हुआ, वह महाभारत में पांडवों की मौजूदगी में कौरवों द्वारा द्रौपदी के साथ छेड़छाड़ जैसा था.' चंद्रबाबू नायडू 1995 से 2004 तक संयुक्त आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और तेलंगाना के अलग होने के बाद वह शेष आंध्र प्रदेश के पहले सीएम भी बने, लेकिन 2019 में वाईएसआरसीपी के हाथों उनकी बड़ी हार हुई.


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