(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली चुनाव: गांधीनगर से चार बार विधायक रहे हैं अरविंदर सिंह लवली, पिछली बार नहीं लड़ा चुनाव
अरविंदर सिंह लवली दिल्ली कांग्रेस का बड़ा चेहरा है. लवली ने चार बार गांधीनगर से किस्मत आजमाई है और हर बार वह जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: कांग्रेस नेता और चार बार के पूर्व विधायक अरविंदर सिंह लवली एक बार गांधीनगर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं. दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली पिछले पांच साल में दो बार पाले बदल चुके हैं. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले लवली ने घरवापसी करते हुए कांग्रेस के टिकट पर ईस्ट दिल्ली से चुनाव लड़ा था और करीब 3 लाख वोट हासिल किए. 2020 में गांधीनगर विधानसभा सीट पर लवली ने चार बार चुनाव लड़ा है और उन्हें कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ा है.
गांधीनगर से नहीं मिली कभी हार
दिल्ली सरकार में शिक्षा, अर्बन डेवलपमेंट, रेव्न्यू जैसे अहम पद संभाल चुके अरविंदर सिंह के राजनीतिक करियर का आगाज छोटी उम्र में ही हो गया था. अरविंदर सिंह लवली 29 साल की उम्र में पहली बार गांधीनगर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. अपने पहले चुनाव में लवली को करीब 42 फीसदी वोट मिले थे और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार को करीब सात हजार वोट से हराया था.
2003 में गांधीनगर में लवली का कद और बढ़ गया. लवली ने करीब 73 फीसदी वोट पाकर जीत हासिल की. लवली ने 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को करीब 24 हजार वोट से हराया था. 2008 में भी लवली की जीत का सिलसिला जारी रहा और वह 64 फीसदी वोट के साथ गांधीनगर से तीसरी बार विधायक चुने गए.
तीसरी बार विधायक बनने के बाद लवली का कद दिल्ली सरकार में बड़ा हो गया. लवली की गिनती दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के करीबी नेताओं में होने लगी. शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें दिल्ली सरकार में अर्बन डेवलपमेंट जैसा बड़ा मंत्रालय मिला. 2013 में भी जब शीला दीक्षित और दिल्ली सरकार के सभी मंत्री चुनाव हार गए उस वक्त लवली 48 फीसदी वोट पाकर अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे और चौथी बार विधायक चुने गए.
2015 में नहीं लड़ा चुनाव
2013 में लगातार चौथी बार गांधीनगर से जीत दर्ज करने के बाद अरविंदर सिंह लवली को विधानसभा में कांग्रेस का नेता चुना गया. इतना ही नहीं 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले अरविंदर सिंह लवली दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष भी बन गए. 2015 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अजय माकन को चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा जिसके चलते 2015 में अरविंदर सिंह लवली ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया.
2015 में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिलने के बावजूद कांग्रेस की कमान अजय माकन के हाथ में दे दी गई. अपनी अनदेखी से नाराज होकर अरविंदर सिंह लवली ने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया. हालांकि बीजेपी में भी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिलने की वजह से लवली ने साल भर में ही कांग्रेस में 'घर वापसी' कर ली.
2020 में अरविंदर सिंह लवली एक बार फिर से अपनी गांधीनगर सीट से चुनाव मैदान में हैं. लवली के सामने आम आदमी पार्टी के नवीन दीपू और बीजेपी के अनिल वाजपेयी की चुनौती है. अनिल वाजपेयी ने 2015 में आप के टिकट पर गांधीनगर से जीत दर्ज की थी, लेकिन अब वो पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. वहीं नवीन दीपू पूर्व कांग्रेस नेता रहे हैं. टिकट का एलान होने से 24 घंटे पहले ही नवीन दीपू ने आम आदमी पार्टी का हाथ थामा.
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