भागवत पर ओवैसी का पलटवार, कहा- भारत न कभी हिंदू राष्ट्र था, न है, न बनेगा
ओवैसी ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत न कभी हिंदू राष्ट्र था, न है और न कभी होगा. उन्होंने मोहन भागवत के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि हम हिंदुओं का देश हैं. हिंदू राष्ट्र हैं.
नई दिल्ली: एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ‘हिंदू राष्ट्र’ वाले बयान पर निशाना साधा है. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने शनिवार को कहा था कि हम हिंदुओं का देश हैं, हिंदू राष्ट्र हैं. उन्होंने कहा था कि हिंदू किसी पूजा, भाषा या प्रांत का नाम नहीं बल्कि एक संस्कृति का नाम है.
भागवत के इस बयान पर ओवैसी ने कहा कि भारत न कभी हिंदू राष्ट्र था, न है और न ही कभी बनेगा. असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, ''भागवत भारत में मेरे इतिहास को ‘हिंदू’ नया नाम देकर नहीं मिटा सकते. वह इस बात पर जोर नहीं दे सकते हैं कि हमारी संस्कृतियां, आस्थाएं, पंथ और व्यक्तिगत पहचान सभी हिंदू धर्म से जुड़ी हैं. भारत न कभी हिंदू राष्ट्र था, न है, न कभी बनेगा इंशाअल्लाह.''
अपने एक दूसरे ट्वीट में ओवैसी ने कहा, ''कोई फर्क नहीं पड़ता कि भागवत हमें विदेशी मुसलमानों से जोड़ने की कितनी कोशिश करते हैं, लेकिन इससे मेरी भारतीयता कम नहीं होगी. हिंदू राष्ट्र = हिंदू सर्वोच्चता। यह हमारे लिए अस्वीकार्य है. हम खुश है या नहीं इसका पैमाना संविधान है, न कि बहुसंख्यक की दरियादिली.''
No matter how hard Bhagwat tries to link us to foreign Muslims, it will not reduce my Indianness.
Hindu Rashtra=Hindu Supremacy. That is unacceptable to us The measure of whether we’re happy or not is the Constitution, not the magnanimity of majority — Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 13, 2019
मोहन भागवत ने क्या कहा था?
मोहन भागवत ने कहा था, ''हम हिंदुओं का देश है. हिंदू राष्ट्र हैं. हिंदू किसी पूजा का नाम नहीं, भाषा का नाम नहीं, किसी प्रांत प्रदेश का नाम नहीं, हिंदू एक संस्कृति का नाम है, जो भारत में रहने वाली सबकी सांस्कृतिक विरासत है. वो संस्कृति एक विशिष्टपूर्ण विविधताओं को स्वीकार और सम्मान करने वाली संस्कृति है. दुनिया में एकमात्र ऐसी है. इसलिए विश्व का हर देश जब भी भ्रमित हो लड़खड़ाया, सत्य की पहचान करने इस धरा के पास आया...मारे मारे यहुदी फिरते थे अकेला भारत है जहां उनको आश्रय मिला. पारसियों की पूजा उनके मूल धर्म से सहित केवल भारत में है. विश्व के देशों में सर्वाधिक सुखी मुसलमान भारत में मिलेगा. ये क्यों हैं क्योंकि हम हिंदू हैं. इसलिए हमारा हिंदू देश है...हिंदू राष्ट्र हैं. इसलिए हिंदू संगठन करना है.''