नई दिल्ली: चुनाव के दौरान वोटर्स को लुभाने के लिए नेता क्या कुछ नहीं करते इसके अलग-अलग उदाहरण हमें पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में देखने को मिल रहा है. कहीं कोई प्रत्याशी जूता पॉलिश करता नजर आ रहा है तो कहीं कोई गले में नीबूं-मिर्ची की माला पहने. मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय आम जन पार्टी के प्रत्याशी शरद सिंह को चुनाव चिह्न में जूता मिला तो उन्होंने लोगों के जूते पॉलिश करना शुरू कर दिया. उनसे जब इस बात को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "कोई भी प्रत्याशी जूते का चुनाव चिह्न नहीं लेना चाहता था. हमने इसे लिया है और हम इसे एक आशीर्वाद में बदल देंगे."





वहीं दौसा विधानसभा से बीजेपी के बागी नेता नंदलाल बंशीवाल पार्टी से टिकट ना मिलने से नाराज होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. उनका चुनाव चिह्न ट्रैक्टर है और वो ट्रैक्टर पर बैठकर ही अपना प्रचार करते नजर आ रहे हैं. बंशीवाल खुद ट्रेक्टर चला रहें. वहीं उनके समर्थक ट्रैक्टर में सवार होकर उनके नाम के नारे लगा रहे हैं.




कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इसी तरह सबसे अलग हटकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. सिंधिया प्रदेश की जनसभाओं में नींबू-मिर्च की माला पहनकर मंहगाई के मुद्दे पर शिवराज सरकार को लगातार घेर रहे हैं. उनसे जब माला पहनकर सभा करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो संकल्पित हैं और माला उनके गले में है लेकिन मिर्ची शिवराज सिंह चौहान को लग रही है.




कुछ दिन पहले ऐसा ही एक नजारा मंदसौर में देखने को मिला जहां बीजेपी प्रत्याशी यशपाल सिंह सिसोदिया जब गुरुद्वारे के एक समारोह में पहुंचे तो वहां पर रोटी बेलने बैठ गए.





पांच राज्यों में होने वाले आम चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए प्रत्याशी हर पैंतरा आजमा रहा हैं. तेलंगाना में तो एक प्रत्याशी ने अपने प्रचार के लिए सबसे अलग तरीका आजमाया. अकुला हनुमंत नाम के निर्दलीय उम्मीदवार ने घर-घर जाकर लोगों को एक चप्पल बांटी. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि अगर जीतने के बाद मैंने अपने वादे पूरे नहीं किए तो मुझे इसी चप्पल से पीटा जाए.





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