Randeep Surjewala In Ghoshnapatra: 'घोषणापत्र' में रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार को घेरा, कहा- मौका है महंगाई, बेरोज़गारी का बदला लेने का, BJP को जवाब देने का
Assembly Election 2022 Ghoshnapatra: घोषणापत्र' में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अपनी पार्टी का पक्ष रखा है.
Assembly Election 2022 Ghoshnapatra: उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में चुनावों का दौर चल रहा है. अगले महीने मतगणना की शुरुआत भी हो जाएगी. इस बीच एबीपी न्यूज़ के खास चुनावी शो 'घोषणापत्र' में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अपनी पार्टी का पक्ष रखा है. इस दौरान उन्होंने कई अहम सवालों के जवाब दिए और आने वाले चुनावों को लेकर पार्टी की तैयारियों को लेकर बातचीत की.
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ये चुनाव चुनावी राज्यों की जनता के लिए एक मौका है. खासकर तीन राज्य पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए. उन्होंने कहा, "ये मौका है किसानों को, 700 किसानों ने अपनी ज़िंदगियां दी, लाखों किसान दिल्ली के दरवाज़े पर चीखते रहे चिल्लाते रहे, लेकिन प्रधानमंत्री और मोदी सरकार ने उनकी एक न सुनी. जो तीन कृषि कानूनों से ग्रस्त रहे. पर उपचुनाव की हार के बाद वो कानून खत्म हुए और चोर दरवाज़े से उन्हें दोबारा वापस लाने की शुरुआत की जा रही है."
सुरजेवाला ने इस दौरान कहा कि ये मौका नौजवानों के लिए है. उन्होंने कहा कि ये मौका है, महंगाई, बेरोज़गारी का बदला लेने का. मौका है वोट की चोट से बीजेपी को जवाब देने का. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में हम अपने बलबूते पर सरकार बनाएंगे. उत्तर प्रदेश को लेकर उन्होंने कहा कि यूपी में कांग्रेस एक मेन प्लेयर के तौर पर उभरेगी.
क्या आपसी लड़ाई से नुकसान होगा?
इस सवाल पर रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा को मैं मतभेद नहीं मानता. राजनीति में आगे बढ़ने का मौका सबको मिलना चाहिए. कांग्रेस के पास नेता भी है, नीयत भी और रास्ता भी है. और क्योंकि हमारे पास नेता और नीयत दोनों है तो कहीं कहीं आपको वैचारिक मतभेद दिखेगा, पर वो वैचारिक मतभेद अर्जुन की तरह मछली की आंख पर हमें निशाना लगाने से नहीं रोक पाएगा. वैचारिक मतभेद का समन्वय कैसे करना है कांग्रेस जानती है, हम करते आए हैं और कर के दिखाएंगे."
नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर क्या बोले?
नवजोत सिंह सिद्धू के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा, "सिद्धू साहब बहुत जोशिले हैं और कई बार भावना में कहे गए उनके शब्दों का मतलब लोग अलग अलग तरीके से निकालते हैं. तो मैं किसी व्यक्ति विशेष पर आरोप नहीं लगाउंगा. पर हर जोश में कहा गया शब्द पार्टी की वास्तविकता को बयान करे वो सही नहीं है. सिद्धू साहब को ये मालूम है कि लक्ष्मण रेखा कहां है. उन्हें मालूम है कि पार्टी की लक्ष्मण रेखा कहां है."
सुरजेवाला ने कहा कि सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू का कॉम्बिनेशन ग्रेट है, जिसे लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं. उसमें विरोधाभास जो दिखता है, वो वैचारिक नहीं है. कहीं कहीं जो दिखेगा, मुझे लगता है कि वो एक स्वस्थ प्रजातंत्र की परंपरा का हिस्सा है.
चरणजीत चन्नी को किसने सीएम चुना?
घोषणापत्र में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि चरणजीत चन्नी को मैंने या पंजाब के लोगों ने नहीं बल्कि उन्हें राहुल गांधी ने पंजाब के सीएम के तौर पर चुना. इसको लेकर जब सुरजेवाला से सवाल हुआ तो उन्होंने कहा, "चन्नी साहब को वहां के विधायकों ने मुख्यमंत्री चुना. हमने उनकी बैठक बुलाई, यहां से पार्टी के ऑब्ज़र्वर, पार्टी के महासचिव गए. एक एक विधायक को बुलाकर उनसे राय ली. फिर पार्टी उसकी रचना की."
सुरजेवाला ने कहा कि राज्यों के फैसले दिल्ली में नहीं लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की रिवायत रही है कि हम चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा प्रोजेक्ट नहीं करते हैं. हम पार्टी की नीतियों के आधार पर चुनाव लड़ते हैं और फिर विधायकों की राय पर फैसला लेते हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद जिसके साथ बहुमत होगा ताज उसी को मिलेगा.