Assembly Election 2022: उत्तराखंड और गोवा में अब नहीं सुनाई देगा चुनावी शोर, यूपी में दूसरे चरण के लिए भी प्रचार थमा
Assembly Election Latest News: गोवा और उत्तराखंड में 14 फरवरी को चुनाव है, ऐसे में अब यहां चुनावी ढोल पर थाप सुनाई नहीं देगी. वहीं यूपी में भी दूसरे चरण के क्षेत्रों में प्रचार पर रोक लग गई है.
Assembly Election 2022: आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तीन राज्यों में 14 फरवरी को वोटिंग होनी है, जिसके लिए आज शाम 6 बजे से प्रचार का शोर थम गया है. गोवा और उत्तराखंड में 14 फरवरी को एक ही चरण में चुनाव है, ऐसे में अब यहां चुनावी ढोल पर थाप सुनाई नहीं देगी. वहीं यूपी के दूसरे चरण का प्रचार भी थम गया है. यूपी में दूसरे चरण में नौ जिलों--सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, सम्भल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली तथा शाहजहांपुर की 55 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा.
दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रचार में सभी राजनीतिक दलों ने अपना पूरा जोर लगाया. भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमुख रूप से मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पर हमलावर रहे और उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त रखने के लिए भाजपा सरकार को जरूरी बताया. चुनाव आयोग के अनुसार दूसरे चरण में कुल 586 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना (शाहजहांपुर सदर), जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख (बिलासपुर), नगर विकास राज्य मंत्री महेश चंद्र गुप्ता (बदायूं), माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी (चंदौसी), आयुष राज्यमंत्री रहे और अब सपा के प्रत्याशी धर्म सिंह सैनी (नकुड़), वरिष्ठ सपा नेता आजम खान (रामपुर सदर) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (स्वार) प्रमुख हैं.
दूसरे चरण में जिन क्षेत्रों में मतदान होने जा रहा है वहां मुसलमानों की आबादी काफी ज्यादा है और इन्हें समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. हालांकि साल 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में BJP ने इन 55 में से 38 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि सपा को 15 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं. कांग्रेस और सपा ने पिछला विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था. सपा को जो 15 सीटें मिली थी उनमें से 10 पर मुस्लिम प्रत्याशी जीते थे.
वहीं उत्तराखंड में सभी 70 सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अब प्रचार थम गया है. आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जैसे भाजपा और कांग्रेस के दिग्ग्जों ने अपनी पार्टियों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी. शाम छह बजे चुनाव प्रचार का शोर थम गया. हांलांकि प्रत्याशी अब भी अपने क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर अपने लिए वोट मांग सकेंगे. कोरोना वायरस महामारी के साए में हो रहे इस चुनाव में ज्यादातर समय बड़ी राजनीतिक रैलियों और सभाओं पर रोक लगी रही, जिसके कारण प्रत्याशियों का प्रचार मतदाताओं से सीधे संपर्क या बडे नेताओं की वर्चुअल रैलियों तक ही सिमटा रहा.
आखिरी चरण में चुनावी रैलियों पर रोक हटने से प्रचार ने जोर पकड़ा और नरेंद्र मोदी, अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की बड़ी जनसभाओं से प्रदेश में चुनावी माहौल गरमा गया. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मोदी ने रूद्रपुर, आदित्यनाथ ने टिहरी एवं कोटद्वार, राजनाथ सिंह ने कपकोट, सल्ट और रामनगर, अमित शाह ने धनोल्टी, सहसपुर और रायपुर में जनसभाएं करने के साथ ही घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क साधा जबकि प्रियंका गांधी ने खटीमा और हल्द्वानी में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया.
गोवा में भी एक ही चरण में विधानसभा चुनाव होना है और यहां 14 फरवरी को ही वोट डाले जाएंगे. राज्य में आज प्रचार का आखिरी दिन रहा और अब यहां चुनावी शोर सुनाई नहीं देगा. राज्य में सोमवार सुबह 7 बजे से वोटिंग होनी है. तटीय राज्य में इस बार कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP in Goa) के बीच मुकाबला माना जा रहा है. बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस ने भी प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी. राहुल गांधी ने भी गोवा में कई जनसभाएं कीं, वहीं बीजेपी का पूरी फोकस भी अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने पर रहा.