Assembly Election 2023 and Amazing Facts: पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान और मिजोरम) में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों पर पूरे देश की नजर है. इसे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता का सेमीफाइनल तक कहा जा रहा है. चुनाव आयोग ने भी मतदान को शांतिपूर्वक और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए तमाम तैयारियां की हैं. हालांकि इतने बड़े स्तर पर चुनाव कराना इतना आसान नहीं होता, आय़ोग कई महीनों से इसकी तैयारी में लगा था.
अब हम आपको बताएंगे उस चुनाव के बारे में जो देश के लिए भी नया था और वोट डालने वालों के लिए भी. हम बात कर रहे हैं स्वतंत्र भारत के पहले चुनाव की. आजादी के बाद हुए भारत के पहले चुनाव में लोकसभा की 497 और अलग-अलग विधानसभाओं की 3,283 सीटों के लिए मतदान हुआ था. तब 17 करोड़ 32 लाख 12 हजार 343 वोटर्स ने रजिस्ट्रेशन कराया, लेकिन सबसे बड़ी हैरानी की बात ये थी कि इनमें से 10 करोड़ 59 लाख लोग पढ़े लिखे नहीं थे. पर इन्होंने बढ़चढ़कर चुनाव में भाग लिया. ये चुनाव करीब 4 महीने (25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952) में संपन्न हुए.
कांग्रेस को मिला था बहुमत
आजादी के बाद हुए पहले चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला था. उसने लोकसभा की 364 सीटें जीती थीं. 16 सीटों के साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी दूसरे नंबर पर रही थी. इसके बाद आचार्य नरेंद्र देव, जयप्रकाश नारायण और डॉ. राम मनोहर लोहिया के नेतृत्व वाली सोशलिस्ट पार्टी को 12 सीट मिली, आचार्य जेबी कृपलानी की किसान मजदूर प्रजा पार्टी को 9 सीट, हिंदू महासभा को 4 सीट, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की भारतीय जनसंघ को तीन सीट मिली. वहीं, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी को 3 और शिड्यूल कास्ट फेडरेशन को 2 सीटों पर जीत मिली थी.
2 करोड़ 12 लाख मतपेटियों से हुआ था चुनाव
आपको जानकर हैरानी होगी कि पहले चुनाव में हर पार्टी के लिए अलग-अलग मतपेटी की व्यवस्था की गई थी. इस पेटी पर उनके चुनाव चिह्न बने थे. तब इस तरह चुनाव कराने के लिए लोहे की दो करोड़ बारह लाख मतपेटियां बनवाई गईं थीं. अगर सिर्फ लोकसभा चुनाव की बात करें तो पहले लोकसभा चुनाव के लिए करीब 17 लाख बैलेट बॉक्स बनवाने पड़े थे. इन्हें गोदरेज कंपनी ने बनाया था. एक बॉक्स के लिए कंपनी ने पांच रुपये लिए थे.
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- भारत के पहले चुनाव में करीब 1,874 प्रत्याशी और 53 राजनीतिक पार्टियां मैदान में थीं, इनमें से 14 राष्ट्रीय पार्टियां थीं. इनमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी, किसान मज़दूर प्रजा पार्टी, और अखिल भारतीय हिन्दू महासभा सहित कई पार्टियां शामिल थीं.
- हिमाचल प्रदेश के श्याम सरन नेगी ने आजाद भारत के पहले चुनाव में सबसे पहला वोट डाला था.
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