World First Exit Poll: इस समय पूरे देश में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर आए एग्जिट पोल चर्चा का केंद्र बने हुए हैं. हर कोई इसी पर बात कर रहा है. इस बार एग्जिट पोल कितने सही साबित होते हैं इसका पता तो 3 दिसंबर को ही चलेगा, लेकिन फिलहाल इसे लेकर राजनीतिक चर्चाएं खूब हो रहीं हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लेकर न्यूज चैनल और अखबारों तक पर यह छाया हुआ है. आज हम आपको बताएंगे एग्जिट पोल से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी जिसके बारे में शायद ही आप जानते हों. इसी कड़ी में हम बात करेंगे दुनिया के सबसे पहले एग्जिट पोल के बारे में. आइए जानते हैं कि आखिर यह कब हुआ था.
अमेरिका में पहला एग्जिट पोल सच हुआ साबित
दुनिया का सबसे पहला एग्जिट पोल संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में 1936 में कराया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, उस वक्त जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने न्यूयॉर्क में एक चुनावी सर्वेक्षण किया था. इसमें पोलिंग सेंटर से वोट डालकर बाहर आने वाले लोगों से पूछा गया था कि उन्होंने राष्ट्रपति पद के किस उम्मीदवार को वोट दिया है. सर्वे के दौरान मिले आंकड़ों का विश्लेषण करके यह अनुमान लगाया गया कि फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट इलेक्शन जीत जाएंगे. यह पहला एग्जिट पोल एकदम सही साबित हुआ और रूजवेल्ट ने चुनाव जीता. देखते ही देखते एग्जिट पोल दूसरे देशों में भी लोकप्रिय हो गया. इसके बाद 1937 में ब्रिटेन में भी पहला एग्जिट पोल हुआ. 1938 में फ्रांस में पहला एग्जिट पोल कराया गया.
भारत में इसने कब दी दस्तक?
भारत में पहला एग्जिट पोल 1996 में हुआ थ. इसे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज (CSDS) ने किया था. इस एग्जिट पोल में अनुमान लगाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव जीतेगी. नतीजे एग्जिट पोल की तरह ही आए. हालांकि ये कहा गया कि एग्जिट पोल की वजह से चुनाव के नतीजे काफी हद तक प्रभावित हुए. इसके बाद, भारत में भी एग्जिट पोल का ट्रेंड बढ़ता गया.
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