Assembly Election 2023 Live: मध्य प्रदेश में 3 केंद्रीय मंत्री, 4 लोकसभा सांसद मैदान में, बीजेपी के दिग्गज पास होंगे या फेल, यहां जानिए
Election News: मध्य प्रदेश में BJP अपनी सत्ता बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उसने इस बार नए फॉर्मूले पर टिकट बांटते हुए तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को भी चुनावी मैदान में उतार दिया.
छत्तीसगढ़ में केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी पर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह कहते हैं, "जब पीएमएलए का मामला होता है तो ईडी और आईटी विभाग के अफसर आते हैं. अगर सरकार खुद कार्रवाई करे तो ऐसे भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है, लेकिन अगर सरकार खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हो, अगर 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा का शराब घोटाला हो और सरकारी दुकानों में अवैध शराब बेची जा रही हो, अगर कोयले के लिए सार्वजनिक रूप से 25 रुपये प्रति टन अवैध वसूली हो रही हो, तो एजेंसियों को कार्रवाई करनी पड़ती है."
बीजेपी ने एपी मिथुन कुमार रेड्डी को तेलंगाना के महबूबनगर विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कहा है कि, "हम सब पूरी ताकत से काम कर रहे हैं. पार्टी का हर कार्यकर्ता जमीन पर है. पिछले 10-15 दिनों में कार्यकर्ताओं से बातचीत के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जबरदस्त लहर है. लोगों में बदलाव के लिए जबरदस्त उत्साह है. मैंने 2003 में यह महसूस किया था. लोग इस सरकार को बदलना चाहते हैं. मुझे लगता है कि राज्य में बदलाव जरूर होगा और भाजपा की सरकार बनेगी.
छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार करने पहुंची केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "ईडी और आईटी से कौन डरेगा? जिसने चोरी की है उसे डरना चाहिए... जिन्होंने काला धन अर्जित किया है उन्हें ईडी और आईटी से डरना चाहिए."
असम में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक से अधिक विवाह पर प्रतिबंध से संबंधित राज्य सरकार के सर्कुलर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का कहना है कि "यह नियम पहले भी था, लेकिन हमने इसे लागू नहीं किया था। अब हमने इसे लागू करने का फैसला किया है."
कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी का कहना है कि, "हमें पूरा विश्वास है कि हम तेलंगाना में सरकार बना रहे हैं. कांग्रेस के प्रति सद्भावना की सुनामी है और हर कोई बहुत स्पष्ट रूप से समझ गया है कि टीआरएस, बीआरएस और भाजपा सभी एक ही हैं."
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता सोनिया गांधी ने शुक्रवार (27 अक्टूबर) को दिल्ली में कांग्रेस कार्यालय में तेलंगाना चुनाव को लेकर पार्टी की सीईसी बैठक की अध्यक्षता की.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच उठे विवाद पर बीजेपी नेता एमपी कौशल का कहना है कि, "इंडिया अलायंस 'घमंडिया' अलायंस है. यह गठबंधन काम नहीं करेगा और वोट एनडीए को मिलेंगे. पीएम मोदी का कोई विकल्प नहीं है."
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के बेटे के यहां ईडी की छापेमारी पर सख्त प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि, "राजस्थान और मध्य प्रदेश में जो लोग बीजेपी को हराने जा रहे हैं, उन पर छापेमारी की जा रही है. इसका मतलब है कि केंद्रीय एजेंसियां बीजेपी के पोलिंग एजेंट बनने में बस थोड़ा ही पीछे हैं."
चुनाव से पहले तेलंगाना में पूर्व विधायक राज गोपाल रेड्डी ने बीजेपी छोड़ दी. शुक्रवार (27 अक्टूबर) को वह कांग्रेस में लौट आए.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी 28-29 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार करेंगे. 29 अक्टूबर को वह राजनांदगांव में एक रैली को संबोधित करेंगे.
छत्तीसगढ़: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की मौजूदगी में दो बीजेपी उम्मीदवारों ने शुक्रवार (27 अक्टूबर) को नामांकन दाखिल किया.
राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सीपी जोशी ने अशोक गहलोत के बेटे पर ईडी की कार्रवाई को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि, ''कांग्रेस नेता ईडी से इतना क्यों डरते हैं. राजस्थान सरकार ने राज्य में हजारों छात्रों की जिंदगी बर्बाद कर दी है. अशोक गहलोत सभी के 'बादशाह' हैं. राज्य में भ्रष्टाचार हो रहा है और अब जब युवाओं को न्याय दिलाने के लिए ईडी जांच कर रही है तो उन्हें परेशानी हो रही है. वे क्यों डर रहे हैं? वे डर रहे हैं क्योंकि उनकी सच्चाई देश और राज्य की जनता के सामने आ रही है."
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज (27 अक्टूबर) आइजोल में शाम 4 बजे चुनाव को लेकर बीजेपी का संकल्प पत्र जारी करेंगे. इसके बाद ब्रू कम्युनिटी के लोगों से मुलाकात और फिर वहां से सेंट्रल यंग मिजो असोसिएशन के नेताओ के साथ भी मीटिंग करेंगे.
असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने आज (27 अक्टूबर) गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर 'अमृत कलश यात्रा' ट्रेन को हरी झंडी दिखाई.
बैकग्राउंड
.Assembly Election 2023 Live Update: भारतीय जनता पार्टी ने इस बार मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात लोकसभा सांसदों को मैदान में उतारा है. बीजेपी के इस फॉर्मूले ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं. सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या ये सभी बड़े नेता प्रदेश में बीजेपी को आगे ले जा पाएंगे, क्या इस बार भी बीजेपी को सत्ता में वापस ला पाएंगे.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा ने सांसदों को सीट देकर कुछ क्षेत्रों पर ज्यादा से ज्यादा बढ़त हासिल करने की कोशिश ही की है. बता दें कि भाजपा ने पिछले महीने सात सांसदों को मैदान में उतारा, जिनमें तीन केंद्रीय मंत्री - नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते शामिल थे. इन सभी को 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए बीजेपी की तरफ से सीएम पद के संभावित दावेदारों के रूप में भी देखा जा रहा है. इसके अलावा इंदौर-1 विधानसभा सीट से भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी इस बार चुनावी मैदान में हैं और उन्हें भी संभावित सीएम चेहरा माना जा रहा है.
कुछ बता रहे गलत फैसला
वहीं, दूसरी ओर कुछ राजनीतिक विश्लेषक इतने सांसदों को उतराने के फैसले को ही गलत बता रहे हैं. वह कहते हैं कि यह कागज तक तो ठीक लगता है, लेकिन यह कई तरह की चिंताएं पैदा करता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि इन नेताओं के साथ सबसे बड़ा खतरा ये है कि भाजपा की जिला इकाइयों ने टिकट के लिए इनके नामों की सिफारिश नहीं की है. ये सभी भाजपा संसदीय बोर्ड की ओर से सीधे लाए गए हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि कोई मतदाता सिर्फ इसलिए अपनी प्राथमिकता क्यों बदल देगा कि ये बड़े नाम हैं. लोगों में तो इस बात की नाराजगी होगी कि उनके नेताओं का टिकट काटकर इन्हें मौका दिया गया है.
इन क्षेत्रों पर है ज्यादा फोकस
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर की वजह से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भाजपा को कम वोट मिले थे. "इस बार भी स्थिति लगभग वैसी ही है और भाजपा को यह फीडबैक मिला होगा. यही वजह है कि उसने इस क्षेत्र में कुछ उम्मीदवारों को बदल दिया और नरेंद्र सिंह तोमर जैसे पार्टी के दिग्गज को मैदान में उतारा है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और फग्गन कुलस्ते सहित जिन चार मौजूदा सांसदों को टिकट दिया गया है, वे महाकौशल क्षेत्र में मैदान में हैं. भाजपा ने जबलपुर से निवर्तमान सांसद राकेश सिंह को जबलपुर-पश्चिम विधानसभा सीट से और होशंगाबाद से निवर्तमान सांसद उदय प्रताप सिंह को गाडरवारा से मैदान में उतारा है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल को छोड़कर मैदान में मौजूद सभी मौजूदा भाजपा सांसदों को उनकी संबंधित लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में से एक से मैदान में उतारा गया है. दमोह से मौजूदा लोकसभा सांसद प्रह्लाद पटेल नरसिंहपुर से मैदान में हैं, जो होशंगाबाद संसदीय सीट के अंतर्गत आता है.
सबसे ज्यादा फोकस महाकौशल पर
पूर्व राज्य भाजपा अध्यक्ष और मौजूदा सांसद राकेश सिंह अपना पहला विधानसभा चुनाव जबलपुर (पश्चिम) से लड़ रहे हैं, जो 1990 तक कांग्रेस का गढ़ था. उन्हें दो बार के कांग्रेस विधायक तरुण भनोट का सामना करना पड़ रहा है, जो कमल नाथ सरकार (दिसंबर 2018-मार्च 2020) में वित्त मंत्री थे. कुछ जानकार बताते हैं कि इस बार बीजेपी महाकौशल पर विशेष ध्यान दे रही है क्योंकि राज्य कांग्रेस प्रमुख कमल नाथ उसी क्षेत्र (छिंदवाड़ा जिले) से आते हैं. भाजपा ने महाकौशल से चार सांसदों को मैदान में उतारा है और उनमें से दो - पटेल और कुलस्ते - को उनके समर्थक संभावित सीएम चेहरे के रूप में देख रहे हैं. भाजपा का मानना है कि ये उम्मीदवार क्षेत्र में लहर पैदा कर सकते हैं." बता दें कि महाकौशल की 38 सीटों में से 2018 में कांग्रेस ने 24, भाजपा ने 13 सीटें जीती थीं, जबकि एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी.
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