Five State Assembly Election 2023 News: पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम) में विधानसभा चुनाव के लिए नवंबर में मतदान होने हैं. हर तरफ चुनाव की तैयारियां जोरों पर है. पिछले दिनों खबर आई कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. इस खबर के बाद एक बार फिर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठने लगे.
पहला सवाल ये कि आखिर एक प्रत्याशी एक वक्त में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ सकता है? दूसरा सवाल ये कि अगर कोई उम्मीदवार दो सीटों पर खड़ा हुआ है और दोनों पर जीत जाता है तो ऐसी स्थिति में क्या होगा? यहां हम आपको विस्तार से बताएंगे चुनाव से संबंधित इन सवालों के जवाब.
ये है चुनाव लड़ने को लेकर नियम
भारत में चुनाव लड़ने के लिए जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of People Act) बना हुआ है. इसके तहत ही चुनाव के वक्त सारी प्रक्रियाएं पूरी होती हैं. इस एक्ट की धारा 33 किसी व्यक्ति की उम्मीदवारी के लिए सीटों की सीमा तय करती है. एस एक्ट में 1996 में एक संशोधन किया गया था. इस संशोधन के बाद 33 (7) के अनुसार कोई भी उम्मीदवार केवल दो सीटों पर ही एक साथ चुनाव लड़ सकता है. हालांकि इस संशोधन से पहले एक उम्मीदवार कितनी भी सीटों पर चुनाव लड़ सकता था. 1996 तक कई प्रत्याशियों ने तीन-तीन सीटों से भी चुनाव लड़ा है.
दोनों सीटों पर जीत जाएं तो क्या होगा?
एक सवाल जो अक्सर पूछा जाता है वो ये कि अगर को प्रत्याशी दो सीटों पर खड़ा हो और दोनों पर जीत जाए तो आगे क्या होगा. इसका जवाब आप पुराने कुछ उदाहरण से भी जान सकते हैं. दरअसल, ऐसी स्थिति में उक्त शख्स को कसी एक सीट से 10 दिन के अंदर इस्तीफा देना पड़ता है. इससे वह सीट खाली हो जाती है और चुनाव आयोग को वहां उप-चुनाव कराना पड़ता है . भारत में आप एक बार में एक ही सद न के सदस्य हो सकते हैं.
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