PM Modi Election Campaign: इस साल के नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान और मिजोरम) में, जबकि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर सभी राजनीतिक दल प्रचार में जुट गए हैं. वोटरों तक पहुंचने के लिए तमाम कोशिशें हो रही हैं. नेता रैली, जनसभा और रोड शो का सहारा ले रहे हैं. बीजेपी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कैंपेनिंग शुरू कर दी है. हालांकि इस बार पीएम मोदी के चुनाव प्रचार का स्टाइल काफी बदला-बदला नजर आ रहा है.


बात चाहे जनसभा में एंट्री की हो या भाषण की या फिर रोड शो के दौरान की. हर जगह नरेंद्र मोदी का अंदाज बदला-बदला नजर आ रहा है. यही नहीं, उनके कपड़ों के स्टाइल में भी थोड़ा बहुत बदलाव नजर आ रहा है. आइए आपको आज बताते हैं पीएम के इन्हीं बदले अंदाज के बारे में विस्तार से.


1. स्टेज पर एंट्री का तरीका बदला


अभी तक नरेंद्र मोदी जनसभा में स्टेज पर पहुंचने के लिए उस रास्ते का इस्तेमाल करते थे, जिसे पहले से उनके लिए ही बनाया जाता था. सुरक्षाकर्मी उस रास्ते को पहले से स्कैन करके रखते थे. पर पिछले दिनों भोपाल की जनसभा में उन्होंने इसका तरीका बदल दिया. वह भीड़ के बीच से बने रास्ते से निकलते हुए स्टेज पर पहुंचे.


2. रोड शो के लिए अब ओपन जीप


चुनाव प्रचार के मद्देनजर होने वाले रोड शो के लिए भी नरेंद्र मोदी ने काफी कुछ बदलाव किया है. पहले वह जहां अपनी कार में गेट के किनारे खड़े होकर या सन रूफ से बाहर निकलकर लोगों का अभिवादन स्वीकार करते थे, वहीं अब वह कार की जगह ओपन जीप में निकल रहे हैं. ओपन जीप में आने से वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बना पा रहे हैं, जबकि लोग भी उन्हें अपने पास महसूस करते हैं. इस तरह वह गुजरात के मिनी रोड शो में भी निकले थे, जबकि राजस्थान में ऐसा ही हुआ.


3. कपड़ों में भी बदलाव


पीएम मोदी अपने कपड़ों की वजह से हमेशा चर्चा में रहते हैं. मोदी ने रोड शो और जनसभा के लिए कपड़ों के स्टाइल को भी बदला है. वह अब ऐसे कपड़े का चयन कर रहे हैं जिससे वह लोगों के बीच के ही लगें. लोग उनसे जुड़ा हुआ महसूस कर सकें. जैसा कि पिछले दिनों गुजरात में एक मिनी रोड शो के दौरान वह सादे सफेद कुर्ते में नजर आ रहे थे, उनका गमछा भी सादा था. केसरी रंग का यह गमछा आम लोगों के गमछे जैसा ही नजर आ रहा था.


4. जनसभा में भाषण के दौरान


अगर आप पीएम मोदी के मौजूदा भाषण और पहले के भाषण की तुलना करेंगे तो आपको इसमें अंतर नजर आएगा. पहले मोदी मंच से बार-बार किसी भी लाइन को शुरू करते वक्त भाइयों-बहनों और मित्रों कहते थे. वहीं, अब उन्होंने इसका इस्तेमाल लगभग कम कर दिया है.


5. बाहर की अपलब्धियों पर ज्यादा फोकस


नरेंद्र मोदी अब अपने भाषणों में लोकल मुद्दों और उपलब्धियों पर कम बात करते दिख रहे हैं. वह इसकी जगह अब इंटरनेशनल अचीवमेंट्स को भुनाते दिख रहे हैं. वह लोगों से दुनिया में भारत के बढ़ते कद का जिक्र करते हैं. वह जी-20 के आयोजन जैसी उपलब्धियों को गिनाते हैं. वह चंद्रयान-3 से विदेशों में भारत की चमक जैसी चीजों को गिनाते हैं और लोगों से पूछते हैं कि जब दुनिया में भारत का मान बढ़ता है तो क्या आपको अच्छा नहीं लगता.


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