(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Assembly Election 2023: इन मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल रहा है सबसे छोटा, कोई एक दिन के लिए रहा सीएम तो किसी की 3 दिन में ही चली गई कुर्सी
Election: वैसे तो सीएम का कार्यकाल 5 साल का होता है, पर कई बार अलग-अलग वजहों से कोई CM इस कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाता. भारत के राजनीतिक इतिहास में कुछ ऐसे भी नेता हैं जो 1-3 दिन तक सीएम रहे.
Assembly Election 2023: पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम) में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद अब सीएम के दावेदारों की बात होने लगी है. बात कांग्रेस की करें तो उसने इन राज्यों में सीएम फेस की घोषणा लगभग कर दी है, लेकिन बीजेपी इस बार पीछे है. उसने किसी भी राज्य में अपने सीएम पद के उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. पार्टी का कहना है कि वह चुनाव नतीजे आने के बाद तय करेगी कि कौन सीएम बनेगा.
हालांकि इन राज्यों में सिर्फ मध्य प्रदेश में ही बीजेपी की सरकार है और मौजूदा सीएम शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री के रूप में करीब 18 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. इस बार वह सीएम की रेस में होंगे या नहीं, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है. अगर वह फिर सीएम बनते हैं तो मुख्यमंत्री के रूप में सबसे ज्यादा कार्यकाल वाले सीएम की लिस्ट में टॉप-3 में आ जाएंगे. पर आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे मुख्यमंत्रियों के बारे जिनका कार्य़काल सबसे छोटा रहा.
1. हरीश रावत के नाम अनोखा रिकॉर्ड
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत की गिनती कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है. हरीश रावत तीन बार उत्तराखंड के सीएम बने, लेकिन वह कभी भी 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. उनके नाम एक ऐसा रिकॉर्ड भी दर्ज हुआ, जिसकी बराबरी अभी तक कोई नहीं कर पाया है. दरअसल, हरीश रावत के नाम सबसे कम समय के लिए मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड दर्ज है. वह अपने दूसरे कार्य़काल में महज एक दिन के लिए सीएम थे.
इस तरह बिगड़ा था हरीश रावत का खेल
दरअसल, हरीश रावत को सबसे पहले 1 एक फरवरी 2014 को उत्तराखंड का सीएम बनाया गया. सीएम बनने के करीब दो साल बाद राजनीतिक उठापटक की वजह से प्रदेश में 27 मार्च 2016 को राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. इसके बाद हरीश रावत ने 21 अप्रैल 2016 को दूसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ ली, लेकिन अगले ही दिन राज्य में फिर से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया और इस तरह उनके नाम महज 1 दिन तक सीएम रहने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया. हालांकि अगले ही महीने वह फिर से सीएम बन गए.
2. ये हैं तीन दिन वाले सीएम
सबसे कम समय तक सीएम रहने वालों की बात करें तो इसमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का भी नाम आता है. बीजेपी नेता देवेंद्र पड़नवीस ने नवंबर 2019 में महाराष्ट्र के सीएम के रूप में दूसरा कार्यकाल शुरू किया. पर तीन बाद राजनीतिक उठापटक की वजह से उन्होंने इस्तीफा दे दिया. 17 मई 2018 को बी.एस. येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, लेकिन सिर्फ 3 दिन बाद ही 19 मई को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इनके अलावा कांग्रेस के पूर्व नेता जगदंबिका पाल का नाम भी इस लिस्ट में है. उन्होंने 21 फरवरी 1998 को मुख्यमंत्री की शपथ ली थी, लेकिन 23 फरवरी 1998 को इस्तीफा देना पड़ा.
3. ओमप्रकाश चौटाला सिर्फ 6 दिन के सीएम
सीएम के रूप में सबसे छोटे कार्यकाल के मामले में हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला का भी नाम आता है. वह वर्ष 1990 में 12 जुलाई से 17 जुलाई तक महज 6 दिनों तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे.
इन सीएम का कार्यकाल भी रहा छोटा
- बिहार के मौजूदा सीएम नीतीश कुमार वर्ष 2000 में 8 दिन के लिए मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने 3 मार्च 2000 को शपथ ली थी, लेकिन 10 मार्च 2000 को इस्तीफा देना पड़ा.
- कांग्रेस के नबाम तुकी चार दिन तक सीएम रहे. इन्होंने अरुणाचल प्रदेश के सीएम के रूप में 13 जुलाई 2016 को शपथ ली, लेकिन 17 जुलाई को पार्टी की अंदरूनी कलह की वजह से इस्तीफा देना पड़ा.
- कांग्रेस के नेता सतीश प्रसाद सिंह ने बिहार के सीएम के रूप में 28 जनवरी 1968 को शपथ ली औऱ 1 फरवरी को इस्तीफा देना पड़ा. वह 5 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे.
ये भी पढ़ें