Assembly Elections 2022: यूपी में दूसरे चरण के साथ उत्तराखंड-गोवा में भी वोटिंग कल, इस बार किसकी होगी सत्ता?
Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश में कल दूसरे चरण में 55 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इसी के साथ उत्तराखंड और गोवा में भी वोटिंग होगी.
Assembly Elections 2022: देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश (UP) में कल दूसरे चरण में 55 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इसी के साथ उत्तराखंड (Uttarakhand) और गोवा (Goa) में भी वोटिंग होगी. ये दोनों राज्य राजनीतिक अस्थिरता के लिए जाने जाते हैं, जहां बीजेपी (BJP) सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस (Congress) और बीजेपी साल 2000 में राज्य की स्थापना के बाद से उत्तराखंड में बारी-बारी से सत्ता में आती रही हैं.
उत्तर प्रदेश की स्थिति
यूपी में बीजेपी नेता जहां विकास के लिए मतदाताओं से फिर से "डबल इंजन की सरकार" लाने का आह्वान करते रहे हैं, वहीं कांग्रेस और आप जैसे विपक्षी दल महंगाई और किसानों के मुद्दे को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण की 55 विधानसभा सीट के लिए प्रमुख दलों- बीजेपी, सपा, बसपा, कांग्रेस, रालोद के वरिष्ठ नेताओं ने अंतिम समय तक मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की. सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर जिलों में फैले इन विधानसभा क्षेत्रों से 586 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इन 55 सीटों में से बीजेपी ने 38 जबकि सपा ने 15 और कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी. सपा और कांग्रेस ने पिछला चुनाव गठबंधन कर लड़ा था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा, आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई शीर्ष नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में कई रैलियां कीं.
उत्तराखंड की स्थिति
उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीट और गोवा की सभी 40 सीट पर मतदान होगा. चुनाव प्रचार थमने से पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीजेपी के सत्ता में आने पर राज्य में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया जिससे विवादास्पद मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया. धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता महिला सशक्तीकरण को मजबूत करने के अलावा सामाजिक सौहार्द और लैंगिक समानता को बढ़ावा देगी.
राजनीतिक दलों ने कर्नाटक में चल रहे हिजाब से संबंधित विवाद का मुद्दा भी उठाया है. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मोदी ने रुद्रपुर, आदित्यनाथ ने टिहरी और कोटद्वार में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कपकोट, सल्ट और रामनगर में रैली की, जबकि शाह ने धनोल्टी, सहसपुर और रायपुर में रैलियों को संबोधित करने के अलावा हरिद्वार में घर-घर जाकर प्रचार किया और हर की पौड़ी में पूजा-अर्चना की.
रुद्रपुर रैली में प्रधानमंत्री ने राज्य के लोगों से अपील की कि वे कांग्रेस के "तुष्टीकरण के एजेंडे" को चुनाव में सफल न होने दें. उन्होंने कहा कि यह लोगों के लिए विपक्षी पार्टी का सफाया करने का एक अवसर है जो पहले से ही कई राज्यों से उखड़ चुकी है. प्रियंका गांधी ने खटीमा और हल्द्वानी में अपनी रैलियों में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को उठाया. हालांकि आम आदमी पार्टी (आप) ने उत्तराखंड में चुनाव को त्रिकोणीय बनाने के लिए इन चुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
गोवा की स्थिति
गोवा की 40 विधानसभा सीट पर कुल 301 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस राज्य में बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के अलावा गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), राकांपा, शिवसेना, रिवोल्यूशनरी गोवांस, गोएंचो स्वाभिमान पार्टी, जय महाभारत पार्टी और संभाजी ब्रिगेड भी मैदान में हैं.
इस बार गोवा में 68 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं, जिनमें प्रमुख राजनीतिक दलों के बागी भी शामिल हैं. बीजेपी के दिवंगत नेता मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर पणजी से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि बीजेपी ने उन्हें इस सीट से टिकट नहीं दिया था. बीजेपी, जिसने कोई भी चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं किया है, तटीय राज्य में सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है. पिछले पांच सालों में गोवा में कांग्रेस के कई विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और अब इसके केवल दो विधायक रह गए हैं. आम आदमी पार्टी यहां 39 सीट पर चुनाव लड़ रही है.