Assembly Elections Survey: देश में जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) फिर पैर पसार रहा है. कल इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने कोरोना वायरस के खतरे को लेकर चुनावी रैलियों पर रोक लगाने की अपील की. इस बीच कोरोना के वक्त में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग (ECI) भी सतर्क हो गया है. तीन दिन बाद यानि 27 दिसंबर को चुनाव आयोग स्वास्थ्य सचिव के साथ कोरोना के हालात में चुनाव को लेकर बैठक करने वाला है. कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच एबीपी न्यूज़ ने सी वोटर के साथ मिलकर चुनावी रैलियों पर रोक को लेकर एक सर्वे किया है. जानिए जनता ने क्या जवाब दिया.
कोरोना के बीच रैलियों में भीड़ का रेला
दरअसल देश में कोरोना के खतरनाक वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. देश में कोरोना की तीसरी लहर का सामना ना करना पड़े, इसीलिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और चुनाव आयोग से अपील की है कि रैलियों पर रोक लगाई जाए और चुनाव टालने पर भी विचार किया जाए. चुनाव वाले 5 राज्यों में सबसे बड़ी चिंता उत्तर प्रदेश को लेकर है, जहां रैलियों में भीड़ का रेला नजर आ रहा है.
सर्वे में सवाल- बढ़ते कोरोना की वजह से क्या नेताओं की रैली पर रोक लगनी चाहिए?
हां -78%
नहीं-22%
पाबंदियां लगनी शुरू
ओमिक्रोन के बढ़ रहे मामलों के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज बड़ा फैसला लिया है. राज्य में शनिवार यानी 25 दिसंबर से नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) लगाया जाएगा. जिसके तहत कल से रात के 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कालीन कोरोना कर्फ्यू लागू होगा. इस दौरान शादी-विवाह जैसे सार्वजनिक आयोजनों में कोविड प्रोटोकॉल का साथ अधिकतम 200 लोगों के शामिल होने की अनुमति होगी.