बंगाल में बीजेपी के कई बड़े चेहरे पीछे, अभी तक के रुझानों की पांच बड़ी बातें
पश्चिम बंगाल में इस बार बीजेपी और टीएमसी के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है. अब तक के रुझानों में ममता बनर्जी की पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नजर आ रहा है.
नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की मतगणना चल रही है. रुझानों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस स्पष्ट बहुमत की तरफ बढ़ रही है. टीएमसी को अब तक के रुझानों के मुताबिक 200 से ज्यादा सीटों पर बढ़त मिल चुकी है. बीजेपी के कई बड़े चेहरे इस चुनाव में पिछड़ते दिखाई दे रहे हैं. टीएमसी में रुझानों को देखकर खुशी की लहर है. शरद पवार और अरविंद केजरीवाल समेत कई पार्टियों के नेता ममता बनर्जी को जीत की बधाई दे चुके हैं. आपको बंगाल चुनाव की पांच बड़ी बातें बता रहे हैं.
1. बंगाल में ममता का जादू बरकरार- इस बार के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई मंत्रियों ने बंगाल में रैलियां कर ममता पर निशाना साधा था. इसके बावजूद नतीजों में साफ दिख रहा है कि राज्य में अब भी ममता का जादू बरकरार है.
2. बीजेपी के कई बड़े नेता पीछे- अब तक की काउंटिंग में बीजेपी के कई बड़े नेता पिछड़ते नजर आ रहे हैं. इनमें बाबुल सुप्रियो, स्वप्नदास गुप्ता और लॉकेट चटर्जी जैसे नाम शामिल हैं. इसका मतलब साफ है कि बीजेपी की तमाम कोशिशों के बाद भी बंगाल के लोगों ने ममता को सपोर्ट किया है.
3. मोदी के खिलाफ विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बन सकती हैं ममता- पश्चिम बंगाल में बड़े बहुमत के साथ जीत से ममता की छवि बीजेपी के खिलाफ सबसे मजबूत बनकर सामने आ रही है. तमाम कोशिशों के बाद भी बीजेपी ममता को बहुमत पाने से रोकने में नाकाम दिखाई दे रही है.
4. टीएसी 200 सीटों के पार- टीएमसी को रुझानों में 200 से ज्यादा सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. ऐसे में एक बात तो साफ है कि पिछले दिनों पार्टी का तमाम नेता साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए, लेकिन उससे टीएमसी के वोट बैंक पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है. यानी अब भी लोग टीएमसी पर भरोसा कर रहे हैं.
5. लेफ्ट का सूपड़ा साफ- पिछले विधानसभा चुनावों तक जहां लेफ्ट और टीएमसी के बीच टक्कर देखने को मिलती थी. वहीं इस बार लेफ्ट को 10 सीटें भी मिलती नजर नहीं आ रहीं. इस बार सीधा मुकाबला टीएमसी और बीजेपी के बीच दिखाई दे रहा है. लेफ्ट और अन्य पार्टियों को इस बार भारी नुकसान हुआ है.