जन्म से जुड़ी पटना की सबा और फराह को मिला स्वतंत्र वोटिंग का अधिकार, आज करेंगी मतदान
पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने शनिवार को कहा कि जुड़वा को उनकी शारीरिक स्थिति के चलते उनकी अलग-अलग पहचान से वंचित नहीं किया जा सकता. उनका दिमाग अलग अलग है, अलग-अलग विचार और पसंद हैं.
पटना: बिहार की राजधानी पटना की रहने वाली और जन्म से ही सिर से आपस में जुड़ी दो बहनों को दो अलग-अलग व्यक्तियों के तौर पर व्यवहार का अधिकार प्रदान किया गया है. अब दोनों बहने अलग-अलग मतदान कर सकेंगी. सबा और फराह (23) आपस में सिर से जुड़ी जुड़वा हैं, जो शहर के समनपुरा क्षेत्र में रहती हैं. दोनों बहने रविवार को अपना वोट अपनी-अपनी पसंद से डालेंगी. 2015 के विधानसभा चुनाव में दोनों के नाम पर एक ही मतदाता पहचान पत्र थे और इसलिए उनका एक ही वोट माना गया था.
पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने शनिवार को कहा कि जुड़वा को उनकी शारीरिक स्थिति के चलते उनकी अलग-अलग पहचान से वंचित नहीं किया जा सकता. उनका दिमाग अलग अलग है, अलग-अलग विचार और पसंद हैं. इसलिए बाद में उन्हें अलग-अलग मतदाता पहचानपत्र जारी किये गए हैं और उन्हें बारी बारी से वोट डालने की इजाजत मिलेगी.
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उन्होंने कहा कि दोनों को एक ही मतदाता के तौर पर इसलिए माना गया, क्योंकि मतदान गोपनीय होना चाहिए और जब कोई मतदान कर रहा हो तो वहां कोई मौजूद नहीं होना चाहिए. हालांकि ये जुड़वा आपस में इस तरह से जुड़ी हैं कि वे हमेशा विपरीत दिशा में देखेंगी. इसलिए इसमें अधिक समस्या नहीं होनी चाहिए.
पटना साहिब सीट पर अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से है.
इन जुड़वा लड़कियों की कहानी हाल में चुनाव आयोग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर हैशटैग चुनावकीकहानियां से साझा की थी.
ये सच्ची कहानी है पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र की जुंडवा बहनों, सबा और फ़राह की, जिनके सिर जन्म से ही जुड़े थे। आइए जानते हैं किस तरह उन्होंने अपने मतदान का फ़र्ज़ निभाया।#ChunaavKiKahaniya #IndiaElections2019 pic.twitter.com/6Nj1TSbDLu
— Election Commission #DeshKaMahatyohar (@ECISVEEP) May 13, 2019
दोनों को शल्यक्रिया के जरिये अलग करने के बहुत प्रयास किये गये लेकिन चिकित्सकों ने जांच के बाद इसे जटिल ऑपरेशन बताया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दोनों बहनों को पांच हजार रुपये महीना देने का निर्देश दिया था, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दिया गया था.
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