Lok Sabha Election 2019: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए आज जारी की लिस्ट में केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को हरियाणा की हिसार सीट से उम्मीदवार बनाया है. बेटे को टिकट मिलने के बाद बीरेंद्र सिंह ने राज्यसभा सांसद के तौर पर इस्तीफा देने की पेशकश की है.
बेटे को टिकट मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा, "मैंने सोचा कि यह उचित होगा कि जब मेरे पुत्र को उम्मीदवार बनाया गया है तो मैं राज्यसभा और मंत्रालय दोनों से इस्तीफा दे दूं. इसलिए मैंने (बीजेपी अध्यक्ष) अमित शाह को पत्र लिखा है. मैं यह (फैसला) पार्टी पर छोड़ता हूं. मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं."
बीरेंद्र सिंह लंबे समय तक हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक रहे हैं. लेकिन 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भेजकर केंद्रीय मंत्री बनाया था. बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता हरियाणा की उचाना सीट विधायक हैं.
आईएएस ऑफिसर हैं बृजेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे आईएएस ऑफिसर हैं. बृजेंद्र सिंह अपने पद से इस्तीफा देकर चुनाव लडेंगे. बृजेंद्र सिंह 2032 में अपने आईएएस के पद से रिटायर होते. 2014 में भी बृजेंद्र सिंह के हिसार सीट के कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की खबरें सामने आई थीं. हालांकि कांग्रेस ने उस वक्त संपत सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था.
तीन परिवारों में हो सकती है टक्कर
हिसार सीट पर बृजेंद्र सिंह का सीधा मुकाबला भजनलाल परिवार और चौटाला परिवार से हो सकता है. 2014 में इस सीट पर इनेलो के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला ने कुलदीप बिश्नोई को करीब 30 हजार वोट से हराया था.
हालांकि इस बार हिसार का समीकरण पूरी तरह से बदल चुका है. दुष्यंत चौटाला इनेलो से अलग होकर जननायक जनता पार्टी बना चुके हैं. वहीं कुलदीप बिश्नोई भी एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. कांग्रेस और जेजेपी की ओर से अभी हिसार की सीट पर उम्मीदवारों के नाम का एलान होना बाकी है.
ऐसी खबरें हैं कि कुलदीप बिश्नोई इस बार अपने बेटे भव्य के लिए हिसार की टिकट चाहते हैं. जेजेपी से दुष्यंत चौटाला या उनकी मां नैना चौटाला के चुनाव लड़ने की खबरें हैं.
इन तीनों के चुनाव लड़ने की स्थिति में हिसार की सीट पर तीन परिवारों में मुकाबला तय हो जाएगा. कुलदीप बिश्नोई के पिता भजनलाल दो बार हरियाणा के सीएम रहे हैं, जबकि दुष्यंत चौटाला के दादा ओमप्रकाश चौटाला पांच बार राज्य के सीएम रहे हैं. हालांकि ओम प्रकाश चौटाला ही पार्टी इनेलो इस सीट पर अपना अलग उम्मीदवार उतारेगी.