Lok Sabha Election Result 2024: 'जब इंदिरा गांधी की हार हो सकती है तो नरेंद्र मोदी को भी हराया जा सकता है...' लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों से कई दिन पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक इंटरव्यू में ये बात कही थी. उन्होंने अपने बाकी के इंटरव्यू में भी पीएम मोदी और इंदिरा गांधी की तुलना की थी और इससे पार्टियों को सबक लेने की सलाह भी दी थी. अब लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने हैं और इसमें बीजेपी बहुमत के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाई है. यानी इस बार ब्रांड मोदी का मैजिक 2014  और 2019 की तरह नहीं चल पाया. ऐसे में प्रशांत किशोर की उस सलाह को एक बार फिर सुनने की जरूरत है. 


बीजेपी ने किया था 400 पार का दावा
चुनाव नतीजों की बात करें तो बीजेपी को अब तक 242 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. वहीं एनडीए 300 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया है. जबकि बीजेपी ने इस बार 400 पार का दावा किया था, तमाम नेता और खुद पीएम मोदी भी इसी बात को बार-बार दोहरा रहे थे. ये सब बातें तो आप जानते ही हैं, लेकिन अब उस बात पर आते हैं, जो प्रशांत किशोर ने चुनावों के दौरान कही थी. 


मोदी और इंदिरा की तुलना
न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर से जब पूछा गया था कि उन्होंने पीएम मोदी की तुलना इंदिरा गांधी से क्यों की थी? इस पर उन्होंने कहा था, मोदी आज बीजेपी के लिए वही हैं, जो 70 के दशक में इंदिरा गांधी कांग्रेस के लिए थीं. संगठन हो, न हो, कैंडिडेट अच्छा हो न हो, गर्वनेंस से लोग खुश हों न हों... इंदिरा जी के नारे और उनके चेहरे पर लोग उन्हें वोट देते थे. आज बीजेपी की भी स्थिति यही है, लोग सांसद से नाराज हों न हों, काम हुआ हो या ना हो... लोगों की जिंदगी बदली हो या ना हो... वोट मोदी जी के नाम पर पड़ता है. 


बीजेपी को दी थी नसीहत
इसी इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने आगे कहा था कि कांग्रेस पार्टी से ही बीजेपी और उसके समर्थकों को एक सीख लेनी चाहिए. साल 1984 में जब कांग्रेस को 400 से ज्यादा सीटें आ गईं और बीजेपी को सिर्फ दो सीटें मिलीं, तब कांग्रेस को लगा कि अब देश में कोई है ही नहीं... हमने जो कह दिया वही ठीक है. लेकिन इसके बाद से आज तक कांग्रेस इस देश को जीत नहीं पाई है. भले ही कांग्रेस इस बीच सत्ता में रही, लेकिन पांच साल नरसिम्हा राव जी की सरकार अल्पमत की सरकार थी और दो बार यूपीए वन और यूपीए टू में गठबंधन की सरकार थी. कुल मिलाकर 1984 के बाद 40 साल में कांग्रेस के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आती रही. 


सही साबित हुई भविष्यवाणी
प्रशांत किशोर का ये कहना था कि पार्टी जब भी किसी एक नेता पर निर्भर हो जाती है तो वहीं से उसका पतन शुरू हो जाता है. जब भी उस नेता की पॉपुलैरिटी कम होती है तो पूरी पार्टी का डिक्लाइन शुरू होता है. अब जो नतीजे सामने आ रहे हैं, उनसे प्रशांत किशोर की ये चुनावी भविष्यवाणी और बीजेपी को दी गई सीख लोगों को जरूर याद आ रही है. 



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