बीजेपी नेता ने कहा- PM मोदी के सामने खुदकुशी कर लूंगा लेकिन नागरिक संशोधन बिल लागू नहीं होने दूंगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के सिल्चर में और अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में गुरुवार को कहा कि बीजेपी नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित करने के लिए संकल्पबद्ध है.
नई दिल्ली: पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी पर घमासान जारी है. इस बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ऐसा बयान दिया है जिसपर पार्टी के एक नेता ने आत्महत्या तक की धमकी दी है. शिलॉन्ग लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सांबोर शूलाई ने कहा, ''नागरिकता संशोधन बिल कभी लागू नहीं होगा. मैं अपनी जान दे दूंगा. मैं नरेंद्र मोदी के सामने खुदकुशी कर लूंगा लेकिन नागरिक संशोधन बिल लागू नहीं होने दूंगा.'' मेघालय की दो लोकसभा सीट पर कल वोट डाले गए थे.
Sanbor Shullai, BJP candidate from Shillong parliamentary seat: As long as I'm alive Citizenship Amendment Bill (CAB) will not be implemented. I will kill myself, I will suicide before Narendra Modi but I will not let CAB to be implemented. #Meghalaya (11/4/19) pic.twitter.com/UyR80lY9hF
— ANI (@ANI) April 12, 2019
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के सिल्चर में और अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में कहा कि बीजेपी नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित करने के लिए संकल्पबद्ध है.
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नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ पूर्वोत्तर में भारी विरोध हो रहा है और यह लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. यही नहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टियां और नेता भी इसका विरोध कर रहे हैं. बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में भी वादा किया है कि वह सत्ता में आई तो नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित करवाएगी.
पीएम मोदी ने क्या कहा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को असम में कहा कि समाज में सभी वर्गों से विचार विमर्श और असमी समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद विधेयक में संशोधन किया जाएगा. उन्होंने आश्वासन दिया कि विधेयक पर विचार करते हुए असमी भाषा, संस्कृति और पहचान को बरकरार रखना सुनिश्चित किया जाएगा. वहीं अमित शाह ने कहा कि हमारे लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च है. हम सुनिश्चित करेंगे कि हर एक हिंदू, बौद्ध और सिख शरणार्थी को इस देश की नागरिकता मिले.
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मोदी सरकार द्वारा पेश किया गया यह विधेयक लोकसभा में आठ जनवरी को पारित हो गया था लेकिन इसे राज्य सभा में चर्चा के लिए नहीं लाया जा सका. यह विधेयक अब तीन जून को निष्प्रभावी हो जाएगा.