हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: हरियाणा में 'मिशन 75' हासिल करने के लिए बीजेपी ने भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह पर पिहोवा से मैदान में उतारा है. संदीप सिंह की लोकप्रियता के आसरे बीजेपी पिहोवा सीट सीट को जीतना चाहती है. हरियाणा के अलग राज्य बनने के बाद से पिहोवा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, जबकि दो बार इस सीट पर इनेलो भी जीत दर्ज करने में कामयाब रही है. 2014 में मोदी लहर के बावजूद बीजेपी इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी.


बीजेपी इस विधानसभा क्षेत्र में कभी जीत दर्ज नहीं कर पायी है. कांग्रेस 1967 के बाद से इस सीट पर पांच बार विजयी रही है, जबकि इनेलो के उम्मीदवार को इस सीट पर दो बार जीत मिली है. कुरुक्षेत्र जिले में पिहोवा ही एकमात्र ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां बीजेपी 2014 का विधानसभा चुनाव हारी थी. इनेलो उम्मीदवार जसविंदर संधू ने बीजेपी के जय भगवान शर्मा को 9,347 मतों से हराया था, जबकि पूर्व वित्त मंत्री हरमोहिंदर सिंह के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार मंदीप सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे.


इनेलो इसलिए हुई कमजोर


हरमोहिंदर चाठा लगातार दो बार इस सीट से विधायक रहे हैं. इस सीट पर इनेलो के लिए भी मुश्किलें कम नहीं है. इनेलो अब दो हिस्सों में बंट चुकी है और जनवरी में इनेलो के विधायक रहे जसविंदर संधू का निधन हो गया था. बीजेपी की कोशिश जहां इनेलो की कमजोर स्थिति को भुनाने की है, वहीं कांग्रेस अपने गढ़ में वापसी करना चाहती है.


भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह ने कहा है कि वह पीएम मोदी की वजह से बीजेपी में शामिल हुए हैं. संदीप सिंह का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार मंदीप सिंह से है. मंदीप सिंह का कहना है कि बीजेपी 5 साल में अपने किसी वादे पर खरी नहीं उतर पाई है.


बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को वोटिंग होनी है. हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र के साथ घोषित किए जाएंगे.


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