लोकसभा चुनाव: पूर्वोत्तर में कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी का महागठबंधन, 7 पार्टियां आईं एक साथ
Lok Sabha Election 2019: पूर्वोत्तर फतह के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है. 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्वोत्तर की कुल 25 सीटों में से बीजेपी और कांग्रेस को आठ-आठ सीटें मिली थी.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही सत्तापक्ष और विपक्ष का गठबंधन/महागठबंधन ताल ठोक रहा है. पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी ने महागठबंधन का सहारा लिया है. कुल छह पार्टियां बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी.
बीजेपी महासचिव राम माधव ने मंगलवार को कहा कि दिमापुर और गुवाहाटी में कई वरिष्ठ नेताओं नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनवाल, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह, अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और एनईडीए के संयोजक हेमंत बिस्वा सरमा के बीच लंबी बातचीत हुई और गठबंधन पर सहमति बनी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हराने के लिए बीजेपी, एनपीपी, एनडीपीपी, असम गण परिषद (एजीपी) और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में साथ चुनाव लड़ेगी. त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव की तरह ही आईपीएफटी हमारे साथ है. राम माधव ने दावा किया कि पूर्वोत्तर की 25 सीटों में से बीजेपी का महागठबंधन 22 सीटों पर जीत दर्ज करेगा.
नेफ्यू रियो नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के अध्यक्ष हैं जबकि नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष कॉनराड संगमा हैं. 2014 के बाद पूर्वोत्तर में फतह के लिए बीजेपी ने पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए) का गठन किया और इसकी जिम्मेदारी हेमंत बिस्वा सरमा को दी.
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2014 से लेकर अब तक बीजेपी ने असम, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में सरकार बनाई. वहीं मेघालय और नागालैंड में गठबंधन की सरकार में शामिल है. 2014 और उसके बाद हुए चुनावों से पहले असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में कांग्रेस की सरकार थी. जबकि त्रिपुरा में वामदल और अन्य राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दबदबा था. लेकिन 2014 के बाद इन राज्यों में समीकरण पूरी तरह बदल गया. बीजेपी ने कांग्रेस के जनाधार में सेंध लगाई.
बीजेपी, एजीपी और बीपीएफ ने 2016 असम विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव लड़कर राज्य में सरकार बनाई थी. कांग्रेस को इस चुनाव में शिकस्त मिली थी.
पूर्वोत्त की 25 सीटों पर कब है चुनाव? त्रिपुरा (2 सीट) पहला चरण, 11 अप्रैल- त्रिपुरा पश्चिम. दूसरा चरण, 18 अप्रैल- त्रिपुरा पूर्व.
मणिपुर (2 सीट) पहला चरण, 11 अप्रैल- बाहरी मणिपुर. दूसरा चरण, 18 अप्रैल- भीतरी मणिपुर.
असम (14 सीट) पहला चरण, 11 अप्रैल- तेज़पुर, कालियाबोर, जोरहाट, डिब्रूगढ़, लखीमपुर. दूसरा चरण, 18 अप्रैल- करीमगंज, सिलचर, स्वायत्तशासी ज़िले, मांगलडोई, नौगोंग. तीसरा चरण, 23 अप्रैल- धुबरी, कोकराझार, बारपेटा, गुवाहाटी.
मेघालय की दो, नागालैंड की एक, मिजोरम की एक, अरुणाचल प्रदेश की दो और सिक्किम की एक सीट पर 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए ने नागा पिपुल्स फ्रंट (एक), मेघालय नेशनल पिपुल्स पार्टी (एक) और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एक) के साथ 11 सीटें जीती. बीजेपी ने असम की सात और अरुणाचल की एक सीट पर जीत दर्ज की थी.
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वहीं कांग्रेस ने असम में 3, मणिपुर में 2, अरुणाचल प्रदेश-मेघायल में एक-एक सीट पर जीत दर्ज की. 2014 के चुनाव में असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने तीन, त्रिपुरा में सीपीआईएम ने दो सीटों पर जीत दर्ज की.
इसबार पूर्वोत्तर में चुनाव से ठीक पहले नागरिकता विधेयक और एनआरसी को लेकर भारी प्रदर्शन हुए हैं. अब देखना होगा कि 23 मई को क्या परिमाण आते हैं.