दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: दिल्ली में केजरीवाल को मात देने के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. लेकिन चुनावी नतीजों में एक बार फिर से बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा. 2015 के मुकाबले बीजेपी के प्रदर्शन में थोड़ा तो सुधार हुआ है, पर इस बार भी पार्टी के 8 विधायक ही चुने गए हैं. बीजेपी ने शाहीन बाग, राम मंदिर, कश्मीर जैसे राष्ट्रीय मुद्दों को दिल्ली चुनाव में जोर शोर से उठाया था. इसके साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, बीजेपी के सांसद अनुराग, ठाकुर, प्रवेश वर्मा और चुनाव लड़ने वाले कपिल मिश्रा जैसे उम्मीदवारों ने प्रचार अभियान के दौरान नफरत भरे बयान भी दिए. हालांकि इतना सब करने के बावजूद बीजेपी के हिस्से कोई बड़ी कामयाबी नहीं आ पाई.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जमकर प्रचार किया. योगी ने जिन 12 सीटों पर प्रचार का जिम्मा संभाला उनमें से सिर्फ तीन पर ही बीजेपी को जीत मिली. योगी आदित्यनाथ चार दिन दिल्ली में प्रचार कर रहे थे और वह अपनी किसी भी सभा में शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ चल रहे आंदोलन को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे थे.
चुनाव आयोग ने की कार्रवाई
जनकपुरी विधानसभा सीट पर वेस्ट दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने विवादित बयान दिया था. इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार आशीष सूद को आम आदमी पार्टी के राजेश ने करीब 15 हजार वोटों से मात दी. प्रवेश वर्मा को अपनी विवादित बयानों की वजह से दो बार चुनाव आयोग की कार्रवाई का भी सामना करना पड़ा था. प्रवेश वर्मा पर चुनाव आयोग ने पहले 96 घंटे के लिए प्रचार करने से रोक लगाई और प्रचार के आखिरी दिन भी उनपर 24 घंटे का बैन लगा.
रिठाला विधानसभा सीट पर केंद्र सरकार में मंत्री अनुराग ठाकुर ने विवादित बयान दिया था. इस सीट पर आप के मोहिंद्र गोयल ने बीजेपी के मनीष चौधरी को करीब 14 हजार वोट से मात दी. अनुराग शर्मा पर भी चुनाव आयोग ने 72 घंटे के लिए प्रचार करने से रोक दिया था. मॉडल टाउन से बीजेपी उम्मीदवार कपिल मिश्रा वोटिंग को भारत-पाक मैच करार देने की वजह से विवादों का शिकार हुए. कपिल मिश्रा पर चुनाव आयोग ने 48 घंटे के लिए प्रचार करने से बैन किया था. कपिल मिश्रा को आप उम्मीदवार अखिलेश त्रिपाठी ने हराया है.
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