गोरखपुरः लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की मछलीशहर सीट के सांसद रामचरित्र निषाद समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं. इतना ही नहीं डेढ़ माह पहले सपा से बीजेपी में शामिल हुए अमरेन्‍द्र निषाद और उनकी मां राजमति निषाद की भी नाटकीय तरीके से शुक्रवार को सपा में घर वापसी हो गई. लखनऊ पार्टी कार्यालय में सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने तीनों की घर वापसी कराई.


बताया जा रहा है कि रामचरित्र मछलीशहर सीट से अपना टिकट काटे जाने से नाराज थे. बीजेपी ने इस सीट से वीपी सरोज को टिकट दिया है. बता दें कि वीपी सरोज ने पिछला लोकसभा चुनाव बसपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा था. सरोज ने हाल ही में बसपा छोड़कर बीजेपी ज्वाईन की थी.


वहीं, अमरेन्‍द्र निषाद को सीएम योगी आदित्‍यना‍थ ने डेढ माह पहले सपा से गोरखपुर के सांसद प्रवीण निषाद के विकल्‍प के रूप में बीजेपी में लाया था. लेकिन, नाटकीय तरीके से प्रवीण निषाद के भी बीजेपी में आने के बाद उन्‍हें गोरखपुर से टिकट नहीं मिला. बीजेपी शीर्ष नेतृत्‍व की उपेक्षा से वे ठगा हुआ सा महसूस कर रहे थे. सपा उन्‍हें महराजगंज से टिकट दे सकती है.


सपा लोहिया वाहिनी के पूर्व राष्‍ट्रीय सचिव रहे अमरेन्‍द्र निषाद ने एबीपी न्‍यूज से टेलीफोनिक बातचीत में कहा कि उन्‍होंने 6 मार्च को बीजेपी ये सोचकर ज्‍वाइन किया था कि उनके पिता के आदर्शों और योगदान का यहां पर सम्‍मान होगा. लेकिन, यहां पर डेढ़ माह में ही उन्‍हें समझ में आ गया कि उनके पिता और उनका कोई सम्‍मान नहीं है. उन्‍होंने कहा कि गोरखपुर की जनता नेता को चाहती है, अभिनेता को नहीं चाहती है. निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष समाज को बरगलाने और बेचने का काम करते रहे. यही वजह है कि गठबंधन से किनारा किए. वे भी पीछे-पीछे चले आए. जहां से गठबंधन का जीतना तय है बीजेपी ने वहां से उन्‍हें टिकट दिया गया है.


नुमाइश ग्राउंड के सम्‍मेलन में उन्‍हें और उनकी मां को कुर्सी तक नहीं मिल रही थी. किसी तरह पीछे दोनों लोगों को जगह मिली. वहां भी उनके पिता स्‍व. जमुना निषाद के निषाद समाज के लोगों के लिए किए गए योगदान की चर्चा नहीं हुई. अमरेन्‍द्र ने कहा कि वहां उन्‍हें बोलने का भी मौका नहीं दिया गया. उन्‍होंने कहा कि बीजेपी में पिछड़ों का कोई सम्‍मान नहीं है. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने जो वायदा करके बीजेपी की सदस्‍यता दिलाई थी, वो वायदा भी पूरा नहीं किया गया. उन्‍होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व उनके गोरखपुर प्रवास के दौरान उनसे मां राजमति निषाद के साथ मुलाकात की. लेकिन, कोई सकारात्‍मक जवाब नहीं मिला.


उन्‍होंने कहा कि सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा था कि उनके राजनीतिक मान-सम्‍मान का ध्‍यान रखा जाएगा. लेकिन, उनके साथ धोखा किया गया. इतना ही नहीं उनके बीजेपी ज्‍वाइन करने के बाद नाटकीय तरीके से निषाद समाज के हितैषी बनकर अपना स्‍वार्थ साधने वाले प्रवीण निषाद को भी बीजेपी में शामिल कर लिया गया. इसके बाद से ही उन्‍हें ये महसूस होने लगा कि उनके साथ धोखा हुआ है और बीजेपी ज्‍वाइन करके उनसे भारी भूल हुई है. ये एक तरह की दुर्घटना थी. इससे उबरकर वे फिर से पूरे मनोयोग से उनके पिता को सम्‍मान देने वाली समाजवादी पार्टी में पूर्व विधायक मां राजमति निषाद के साथ घर वापसी कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि बगैर शर्त के उन्‍होंने सपा में घर वापसी की है. उनसे बहुत बड़ी भूल हुई थी. इसे दुर्घटना मानकर वे फिर सपा में आ रहे हैं.


अमरेन्‍द्र ने कहा कि अखिलेश यादव ही उनके अभिभावक हैं. वे पार्टी के हित में जैसा निर्देश देंगे उस पर चलेंगे. उन्‍हें टिकट दिया जाएगा या नहीं इसकी उन्‍हें चिंता नहीं है. अमरेन्‍द्र निषाद ने 6 मार्च को लखनऊ में भव्‍य समारोह में बीजेपी पार्टी कार्यालय में प्रदेश अध्‍यक्ष डा. महेन्‍द्र नाथ पाण्‍डेय के हाथों मां राजमति निषाद के साथ बीजेपी की सदस्‍यता ग्रहण की थी. इसके बाद वे गोरखनाथ मंदिर में मत्‍था टेकने भी आए थे. वे लगातार सीएम योगी आदित्‍यनाथ और बीजेपी के कार्यक्रमों में उपस्थिति दर्ज करा रहे थे. टिकट और सम्‍मान नहीं मिलने से क्षुब्‍ध होकर उन्‍होंने सपा में घर वापसी की है.


ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा उन्‍हें महराजगंज से टिकट देकर मैदान में उतार सकती है. क्‍योंकि गठबंधन में सपा के खाते में गई सीट पर अभी उम्‍मीदवार की घोषणा नहीं की गई है. ऐसे में बीजेपी के धुर विरोधी रहे स्‍व. जमुना निषाद की पत्‍नी पूर्व विधायक राजमति निषाद और पुत्र अमरेन्‍द्र निषाद की सपा में घर वापसी बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है.