Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) साथ लड़ेगी या नहीं बड़ा सवाल बना हुआ है. दरअसल, महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी की सहयोगी होने के बावजूद शिवसेना लगातार मोदी सरकार के खिलाफ किसानों, बेरोजगारी, राम मंदिर जैसे मुद्दों पर हमलावर रुख अपनाए हुए है.


यही नहीं पार्टी के नेता विपक्षी दलों के कार्यक्रमों में भी शिरकत कर रहे हैं. सोमवार को चंद्रबाबू नायडू के अनशन में शिवसेना नेता संजय राउत पहुंचे थे. इस बीच सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन किया और गठबंधन पर बातचीत की. इस दौरान ठाकरे ने अपनी पुरानी मांग एक बार फिर बीजेपी के सामने रख दी.


इंडियन एक्सप्रेस की खबरों के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि उद्धव ठाकरे ने अमित शाह के सामने 1995 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान हुए फॉर्मूले के तहत सीटें मांगी है. शिवसेना खुद को बड़ा भाई बताती है.


1995 में शिवसेना 169 और बीजेपी 116 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. सूबे में विधानसभा की 288 सीटें है. इस चुनाव में शिवसेना ने 73 और बीजेपी ने 65 सीटें जीती थी. 1995 में शिवसेना नेता मनोहर जोशी मुख्यमंत्री बने थे और वह महाराष्ट्र में पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. शिवसेना लोकसभा से पहले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पर दबाव बना रही है.


अमित शाह ने उद्धव ठाकरे को ऐसे समय में फोन किया जब हाल ही में जेडीयू नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर शिवसेना प्रमुख से मिले थे. खबरें यहां तक है कि प्रशांत किशोर ने महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन का फॉर्मूला दिया था, जिसमें सूबे की 48 लोकसभा सीट में से 28 सीट शिवसेना को देने की बात कही गई, जिसमें उन्होंने 21 सीटों पर जीत सुनिश्चित कराने का आश्वासन दिया. हालांकि, शिवसेना ने इस फॉर्मूले को भी ठुकरा दिया.


महाराष्ट्रः बीजेपी का दावा 48 में से जीतेंगे 43 सीट, शिवसेना ने उड़ाया मजाक


ध्यान रहे कि 2014 लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र की स्वाभिमानी शेतकारी संगठन, चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी, जीतन राम मांझी की पार्टी हम, महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी और एजीपी बीजेपी का साथ छोड़ चुकी है. उत्तर प्रदेश में ओम प्रकाश राजभर की पार्टी नाराज है. ऐसे में बीजेपी अब और पार्टी को नहीं खोना चाहती है और शिवसेना को साथ रखने की कोशिश कर रही है.


आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी साथ लड़ने की घोषणा कर चुकी है. दोनों दलों के साथ कई अन्य छोटी पार्टियां भी साथ आ सकती है. ऐसे में साफ है कि बीजेपी और शिवसेना दोनों साथ लड़ती है तो उसे भारी नुकसान हो सकता है.


लोकसभा-2014 के चुनाव में सूबे में एनडीए ने जीत का जबरदस्त पताका लहराया था. एनडीए को 48 में से 42 सीटें मिली थीं, जिसमें बीजेपी को 23 और शिवसेना को 18 सीटें मिली थी. स्वाभिमानी पक्ष को एक सीट मिली थी. जबकि विपक्षी कांग्रेस 2 सीटों पर सिमट गई थी और एनसीपी चार सीटें जीतने में कामयाब रही थी.