CM की कुर्सी पर दावा नहीं छोड़ रही है शिवसेना-बीजेपी, वार-पलटवार की पूरी कहानी
महाराष्ट्र में शिवसेना से तकरार के बीच बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी. इस बैठक में देवेंद्र फडणवीस विधायक दल का नेता चुने जाएंगे.
मुंबई: महाराष्ट्र में चुनाव पूर्व गठबंधन कर मैदान में उतरी शिवसेना-बीजेपी अब चुनाव के बाद आमने-सामने है. वजह मुख्यमंत्री पद पर अपनी-अपनी दावेदारी है. दरअसल, 24 अक्टूबर को जब चुनाव नतीजे आए तो आंकड़े बीजेपी की चिंता बढ़ाने वाली थी. पार्टी को पिछली बार के मुकाबले 17 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. मौके की नजाकत को भांपते हुए शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग छेड़ दी.
शिवसेना के तेवड़ों को देखते हुए बीजेपी ने पहले तो चुप्पी साधे रखना उचित समझा लेकिन कल खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मीडिया से मुखातिब हुए और शिवसेना से साफ-साफ कह दिया कि मैं ही मुख्यमंत्री बनूंगा.
'सत्ता की भूखी नहीं' शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने मंगलवार की सुबह को कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा ही ‘‘सत्य की राजनीति’’की है और वह सत्ता की भूखी नहीं है. यही नहीं उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं जिसके पिता जेल में हैं. उनका इशारा हरियाणा के उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला की ओर था.
संजय राउत ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियां सत्ता में समान भागीदारी के फॉर्मूले पर सहमत थीं और मुंबई में तो इस बारे में घोषणा भी कर दी गई थी. अब राजी क्यों नहीं है?
फडणवीस का शिवसेना को जवाब शिवसेना के तीखे तेवरों के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सामने आए और उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले जब गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था तब शिवसेना से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था.
राज्य में अगली सरकार में सत्ता में भागीदारी को लेकर बीजेपी-शिवसेना के बीच चल रही तकरार के बीच फडणवीस ने कहा कि वह अगले पांच साल तक वही मुख्यमंत्री रहेंगे.
फडणवीस ने अपने आवास ‘‘वर्षा’’ में संवाददाताओं से कहा ‘‘लोकसभा चुनाव से पहले जब गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था तब शिवसेना से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था.’’ उन्होंने कहा कि बीजेपी नीत गठबंधन अगले पांच साल एक स्थिर और कुशल सरकार देगा.
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शिवसेना ने बैठक रद्द की फडणवीस के बयान के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के साथ अपनी पार्टी की बैठक रद्द कर दी. शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सत्ता साझेदारी पर मुख्यमंत्री के बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने शाम चार बजे प्रस्तावित बैठक रद्द कर दी . बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं को शामिल होना था.
शिवसेना ने जारी किया वीडियो शिवसेना ने मुख्यमंत्री के दावे को ‘खारिज’ करने के लिए एक पुराना वीडियो क्लिप जारी किया जिसमें फडणवीस बीजेपी नीत राज्य सरकार में पद और जिम्मेदारी के समान बंटवारे के बारे में कथित तौर पर चर्चा कर रहे थे. शिवसेना के एक नेता ने कहा, ‘‘उद्धवजी ने मंगलवार को शाम चार बजे होने वाली बैठक रद्द कर दी. हमने पद और जिम्मेदारी बराबर बांटने के बारे में मुख्यमंत्री के बयान का क्लिप भेजा है. फडणवीस को ऐसे बयान देने से पहले अपनी बात का ध्यान होना चाहिए.’’
शिवसेना-बीजेपी में जारी बयानबाजी और दावों के बीच आज बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी. इस बैठक में औपचारिक तौर पर देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुना जाएगा. बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के उपाध्यक्ष अविनाश खन्ना को बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया है.
संजय राउत का पलटवार, कहा- देवेंद्र फडणवीस ने खुद 50-50 फॉर्मूले की बात कही थी
विपक्ष की बनी है नजर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने कहा कि यदि बीजेपी महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने में नाकाम रहती है तो एक वैकल्पिक सरकार के गठन पर विचार किया जा सकता है. एनसीपी नेता और विधायक नवाब मलिक ने कहा, ‘‘राज्यपाल (भगत सिंह कोश्यिारी) अगले कुछ दिनों में देवेंद्र जी को सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं. सवाल यह है कि क्या शिवसेना के मंत्री शपथ लेते हैं या नहीं (फड़णवीस के साथ). और वह (फड़णवीस) को 14-15 दिनों में सदन में अपना संख्या बल साबित करनी होगी.’’
एनसीपी के नगर प्रमुख ने कहा कि यदि शिवसेना सदन में सरकार गिरने की वजह बनती है...‘तो हम इस बारे में सोच सकते हैं कि क्या किया जा सकता है.’’ पार्टी प्रमुख शरद पवार के शिवसेना के साथ जाने की किसी संभावना से इनकार करने के कुछ दिनों बाद मलिक का यह बयान आया है.
गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को हुए 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा चुनाव में बीजेपीसबसे बड़े दल के रूप में उभरी और उसे 105 सीटें मिली. वहीं, शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की.
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