महाराष्ट्र चुनाव: पवार के गढ़ बारामती में सेंध लगाने की कोशिश में बीजेपी, एनसीपी ने कहा- कोई टक्कर नहीं
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: 2014 में बारामती से अजीत पवार ने 80 हजार से ज्यादा के अंतर से जीत दर्ज की थी.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शरद पवार की पार्टी एनसीपी से कई बड़े नेता अपना नाता तोड़ चुके हैं. इसी बीच बीजेपी ने शरद पवार की मुश्किलें बढ़ाने के एक और बड़ा दांव खेला है. बीजेपी की नजरें शरद पवार के गढ़ बारामती पर हैं. बीजेपी ने एनसीपी के विकास के दावों को निशाना बनाकर शरद पवार के गढ़ में सेंध लगाने की योजना बनाई है.
बीजेपी पुणे जिले के बारामती विधानसभा क्षेत्र में पानी की कमी और सड़कों की खराब हालत को मुख्य चुनावी मुद्दा बना रही है. हालांकि एनसीपी का कहना है कि बारामती में उसके सामने कोई चुनौती नहीं है. बीजेपी की उम्मीदें धनगर समुदाय के नेता गोपीचंद पडालकर पर टिकी हैं. उनका मुकाबला एनसीपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से है.
अजीत पवार ने हाल में विधायक पद से इस्तीफा दिया था, वह बारामती से पुन निर्वाचित होने के लिए मैदान में उतरे हैं. इस साल हुए आम चुनाव में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रीया सुले ने बीजेपी की कंचन कुल को बारामती संसदीय क्षेत्र से एक लाख से अधिक वोटों से हराया था.
दांव पर है अजीत पवार की साख
पडालकर इसी महीने भाजपा में शामिल हुए थे. उन्होंने दावा किया कि बारामती में विकास मॉडल को लेकर अलग ही तस्वीर पेश की जा रही है. लेकिन सचाई अलग है. बारामती के ग्रामीण इलाकों को तो भूल जाईए, शहरी इलाके में भी कई ऐसे स्थान हैं जहां लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय लेाग बेहतर सड़कें, पानी और अन्य ढांचे की मांग कर रहे हैं.
विधानसभा क्षेत्र में धनगर समुदाय के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है. एनसीपी के जिला अध्यक्ष प्रदीप गरातकर ने कहा, ''मुकाबले में कोई है ही नहीं. पूरा महाराष्ट्र अजीत पवार के द्वारा बारामती में किए गए विकास के बारे में जानता है.''
बता दें कि महाराष्ट्र में एनसीपी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. दोनों पार्टियों ने 125-125 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान होना है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.