नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में जुबानी जंग अब आगजनी, पत्थरबाजी और हाथापाई तक पहुंच गई है. मंगलवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड-शो में जमकर बवाल हुआ. कुछ गाड़ियों में आग लगा दी गई. पत्थरबाजी की गई. कई कार्यकर्ता घायल हो गए. समाज सुधारक ईश्वर चंद विद्यासागर की प्रतिमा को क्षति पहुंचाया गया. बीजेपी ने हिंसा फैलाने का आरोप तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर लगाया है. टीएमसी ने इसके लिए 'बाहर से आए बीजेपी समर्थकों' पर आरोप लगाया है.


वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा की जगह पहुंचकर घायल छात्रों से मुलाकात की और बीजेपी के बाहरी गुंडों पर हिंसा का आरोप लगाया. ममता के साथ मौजूद कोलकाता पुलिस कमिश्नर डॉक्टर राजेश ने कहा कि हिंसा में शामिल 100 लोगों को हिरासत में लिया गया है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. हिंसा के विरोध में ममता बनर्जी आज ईश्वर चंद्र विद्यासागर और विवेकानंद की तस्वीरों के साथ बड़ी रैली निकालेंगी. अमित शाह आज नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. रोड शो में हिंसा और उसपर जारी बयानबाजी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल में होंगे. जहां वह बशीरहाट और डायमंड हार्बर में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. जहां पिछली जनसभाओं की तरह निशाने पर टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी होंगी.


दरअसल, एक महीने से अधिक समय से चल रहे चुनाव के दौरान टीएमसी और बीजेपी के बीच खूब तनातनी देखी जा रही है. कभी पहले पीएम मोदी ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हैं तो ममता जवाब देती हैं तो कभी ममता बनर्जी आरोप लगाती हैं तो पीएम मोदी जवाब देते हैं. प्रधानमंत्री मोदी रैलियों में ममता बनर्जी को 'स्पीड ब्रेकर दीदी' कहकर संबोधित करते हैं तो ममता बनर्जी मोदी को 'एक्सपायरी बाबू' कहकर संबोधित करती हैं. ममता बीजेपी पर चुनाव में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का आरोप भी लगाती हैं. बीजेपी इसके जवाब में ममता पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाती है.



इन बयानबाजी के बीच कई बार हिंसा की खबरें आई. खासकर मतदान के दिन. पश्चिम बंगाल की 42 सीटों पर सभी सात चरणों में वोट डाले जा रहे हैं. छह चरणों में 33 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. अंतिम चरण में 9 सीटों पर 19 मई को वोट डाले जाएंगे.


जिन छह चरणों में वोटिंग हुई है शायद ही कोई ऐसा फेज हो जिसमें हिंसा नहीं हुई. कभी उम्मीदवारों पर हमला किया गया तो कभी पार्टी कार्यकर्ताओं पर. पहले चरण में अलीपुरदुआर और कूच बिहार में टीएमसी और बीजेपी समर्थकों में हिंसा हुई. लेफ्ट उम्मीदवार गोविंदा राय पर हमला किया और उनकी गाड़ी तोड़ी.


दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान बीजेपी की महासचिव और रायगंज से उम्मीदवार देबश्री चौधरी ने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ता बूथ कैप्चरिंग की कोशिश कर रहे हैं. टीएमसी ने बीजेपी उम्मीदवार पर वोटरों को प्रभावित करने का आरोप लगाया. रायगंज में ही सीपीएम प्रत्याशी मोहम्मद सलीम की गाड़ी पर इस्लामपुर इलाके में पथराव किया गया.



तीसरे चरण में मुर्शिदाबाद के बालीग्राम में कांग्रेस और टीएमसी कार्यकर्ताओं की बीच झड़प हो गई जिसमें वोट देने के लिए लाइन में खड़े एक शख्स की मौत हो गई. मालदा दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के कालिया चौक में बाइक सवार बदमाशों ने मतदान केंद्रों के बाहर क्रूड बम फेंके. इसमें टीएमसी के तीन कार्यकर्ता घायल हो गए.


हिंसा का सिलसिला चलता रहा. चौथे चरण की वोटिंग के दौरान आसनसोल में टीएमसी और बीजेपी समर्थक आमने-सामने आ गए. पोलिंग बूथ के अंदर बीजेपी नेता और आसनसोल से उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो लोगों से भिड़ते हुए नजर आए. सुप्रियो की गाड़ी भी तोड़ दी गई.



पांचवें चरण में बैरकपुर में वोटिंग के बीच बीजेपी-टीएमसी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. बैरकपुर से बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन सिंह पर भी हमला किया गया. उन्होंने हमले का आरोप टीएमसी पर लगाया.


छठे चरण में भी हिंसा की घटनाएं देखने को मिली. घाटल से बीजेपी उम्मीदवार भारती घोष और उनकी गाड़ी पर हमला किया गया. वह इस दौरान भावुक भी हो गईं. मतदान शुरू होने से पहले झारग्राम में एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई.


पश्चिम बंगाल के घाटल लोकसभा क्षेत्र के पश्चिम मिदनापुर के पिंगला में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद सैफुल्ला से मारपीट की गई है. मारपीट करने का आरोप टीएमसी पर है. इससे पहले बीजेपी उम्मीदवार भारती घोष पर भीड़ ने हमला कर दिया था.


पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है. पहले वामदल और टीएमसी आमने-सामने होती थी. अब ज्यादातर जगहों पर टीएमसी और बीजेपी आनने-सामने है. हिंसा की वजह सत्‍ताधारी दल का वर्चस्‍व का होना है.


दरअसल, पश्चिम बंगाल में टीएमसी, बीजेपी, वामदल और कांग्रेस के बीच मुकाबला है. बीजेपी अपनी सियासी जमीन तैयार कर रही है. टीएमसी, कांग्रेस और वामदल समय-समय पर सत्ता में रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 में से दो सीटों पर जीत दर्ज की थी. टीएमसी ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के खाते में दो और वामदलों के खाते में चार सीटें गई थी.


अब इस चुनाव में बीजेपी को और अधिक सीट जीतने की उम्मीद है. वहीं टीएमसी के सामने 2014 को दोहराने की चुनौती है. एक तरफ ममता बनर्जी हैं तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. यहां 'जय श्री राम' का नारा लगाने और 'मीम' शेयर करने को लेकर भी खूब विवाद हो रहा है. बीजेपी का आरोप है कि ममता बनर्जी ने जय श्री राम का नारा लगाने पर उसके कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज किया है. ममता ने इसके जवाब में कहा कि हिम्मत है तो मुझसे स्सकृत में मंत्र का उच्चारण करें. मैं इसके लिए तैयार हूं.


पिछले दिनों ममता बनर्जी का एक मीम शेयर किये जाने पर पुलिस ने प्रियंका शर्मा नाम की एक बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता को गिरफ्तार कर लिया. बीजेपी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें शर्त के साथ रिहा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि जेल से निकलने के बाद शर्मा लिखित में माफी मांगें.



आखिरी चरण की 9 सीटों पर सभी का दांव लगा है. बीजेपी, टीएमसी, कांग्रेस और वामदलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. टीएमसी की कोशिश है कि बीजेपी सूबे में कोई स्पेस नहीं ले.