नई दिल्ली: चीन ने एक बार फिर अपना चरित्र दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी लिस्ट में शामिल होने से बचा लिया. चीन ने फैसले से ऐन पहले स्थायी सदस्य होने के नाते अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल किया और प्रस्ताव को होल्ड पर डलवा दिया. मसूद अजहर के खिलाफ ये प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने दिया. चीन ने इस कदम के साथ दुनिया भर में अपनी किरकिरी करवाई है. अमेरिका ने तो खुलेआम चीन को लताड़ भी लगाई है.


ट्विटर पर शुरू हुई चीन के खिलाफ मुहिम


चीन के इस कदम के बाद भारत में एक बार फिर चीन को लेकर विरोध शुरू हो गया है. सोशल मीडिया पर #BoycottChineseProducts हैशटैग ट्रेंड कर रहा है. लोग बढ़ चढ़ कर इस हैशटैग के साथ ट्वीट कर रहे हैं और चाइनीज़ उत्पादों के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं. खबर लिखे जाने तक इस हैशटैग के साथ करीब 20,000 से भी ज्यादा ट्वीट किए जा चुके थे.


ट्विटर पर चल रही इस मुहिम को लेकर लोगों में उत्साह है लेकिन इससे जुड़े कुछ सवाल भी खड़े होते हैं. अगर चीन के साथ हम व्यापार बंद कर दें तो नुकसान किसका होगा. इसके साथ ही क्या यह वाकई मुमकिन है कि हम चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर सकें?


बता दें कि अगर हम चीन के साथ व्यापार बंद कर दें तो इससे चीन को बहुत बड़ा झटका लगेगा. भारत चीन से बहुत बड़ी मात्रा में उत्पादों का आयात करता है. अगर ये बंद हो जाए तो ये चीन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.


भारत और चीन के बीच कितना व्यापार?


साल 2017-18 में भारत और चीन के बीच 5 लाख 78 हजार करोड़ का व्यापार हुआ. इसमें भारत ने चीन में 85,994 करोड़ का निर्यात किया. जबकि चीन से भारत में 4 लाख 92 हजार करोड़ रुपये का आयात किया गया. इसका मतलब है कि बंद करने पर चीन को करीब पांच लाख करोड़ रुपये का घाटा होगा.


इस सब के बीच बड़ा सवाल ये भी है कि क्या ये मुमकिन है कि भारत चीन के सभी तरह के उत्पादों का बहिष्कार कर सके? इसका जवाब है कि ये संभव नहीं है. आसान शब्दों में कहें तो भारत आज हर तरह की जरूरत के लिए एक तरह से चीन पर निर्भर है, फिर चाहे वो खिलौने हों, टिशू पेपर हों, कॉफी हो, चाय हो या मसाले.


भगवान की मूर्तियों से लेकर सजावट के फूल, सब चाइना से


भारत में दिवाली पर पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाली भगवान की मूर्तियां, सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाली मूर्तियां और फूल से लेकर होली पर इस्तेमाल होने वाले रंग और पिचकारी तरह तरह के उत्पाद हम चीन से आयात करते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत चीन से करीब 97 तरह के उत्पादों को आयात करता है. इसलिए चीन को आर्थिक नुकसान भले ही हो लेकिन इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ेगा.


चीन का इलाज क्या है?


अगर व्यापार बंद करना रास्ता नहीं है तो फिर चालबाज चीन का इलाज क्या है? एक्सपर्ट मानते हैं कि भारत को चीन पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की जरूरत है. रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल के मुताबिक चाइना का दोहरा रवैया पूरी दुनिया के सामने उजागर हो गया है. चीन भारत की संवेदनशीलता और वैश्विक समुदाय की बिल्कुल परवाह नहीं करता है. उन्होंने बताया कि भारत के पास जैश के खिलाफ अपने हिसाब से कार्रवाई करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.


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