Lok Sabha Elections 2024: पहली लिस्ट में ही मायावती ने दे डाली अखिलेश यादव को टेंशन, BSP के 16 उम्मीदवारों में से 7 मुस्लिम
Lok Sabha Elections 2024: मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने आजम खान के गढ़ रामपुर में भी मुस्लिम नेता पर दांव लगाया है.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही मायावती ने उत्तर प्रदेश (यूपी) के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ा दी है. रविवार (24 मार्च, 2024) को उनके नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश (यूपी) के लिए 16 नाम घोषित किए गए और इनमें सात मुस्लिम उम्मीदवार हैं.
बसपा की इस सूची में माजिद अली (सहारनपुर से टिकट), मोहम्मद इरफान सैफी (मुरादाबाद से), जीशान खान (रामपुर से), शौलत अली (संभल से), मुजाहिद हुसैन (अमरोहा से), आबिद अली (आंवला से) और अनीस अहमद खान उर्फ फूलबाबू के (पीलीभीत से) नाम हैं.
मायावती की BSP ने और किन्हें दिया टिकट?
मुस्लिम समुदाय से सात लोगों के अलावा बसपा ने श्रीपाल सिंह (कैराना से), दारा सिंह प्रजापति (मुजफ्फरनगर से), विजेंद्र सिंह (बिजनौर से), सुरेंद्र पाल सिंह (नगीना से - एससी सीट), देववृत्त त्यागी (मेरठ से), प्रवीण बंसल (बागपत से), राजेंद्र सिंह सोलंकी (गौतमबुद्ध नगर से), गिरीश चंद्र जाटव (बुलंदशहर से - एससी सीट) और दोदराम वर्मा (शाहजहांपुर से - एससी सीट) को प्रत्याशी बनाया है.
अखिलेश के MY फॉर्मूला को पहुंच सकता है नुकसान!
बसपा की इस सूची के बाद सियासी गलियारों में मायावती के इस कदम को कई तरह से देखा गया. एक्सपर्ट्स की मानें तो मुस्लिम-यादव (एमवाई) फॉर्मूला के जरिए सोशल इंजीनियरिंग करने वाले अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) को इससे चुनाव में तगड़ी टक्कर मिल सकती है.
2014-2019 तक फेल रहा अखिलेश यादव का यह समीकरण
रिकॉर्ड देखें तो बीते नौ साल में यह एमवाई फॉर्मूला अखिलेश यादव को धोखा देता नजर आया है. 2014 में सपा सिर्फ पांच सीटें जीत पाई थी, जबकि 2017 में पार्टी केवल 47 सीटें हासिल कर पाई. आगे 2019 में मायावती से गठबंधन के दौरान सपा को सिर्फ पांच सीटों से संतोष करना पड़ा था.
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