कनाडा: कनाडा के संसदीय चुनाव में लिबरल पार्टी और कन्जर्वेटिव पार्टी के बीच कड़ी टक्कर के बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो एक फिर से सत्ता पर काबिज हो गए हैं. हालांकि उनकी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है इस वजह से वो अल्पमत की सरकार चलाने को मजबूर हैं. उनकी पार्टी संसद में सबसे अधिक सीटों का दावा तो करेगी लेकिन उनका दूसरा कार्यकाल बहुत कठिन होगा, क्योंकि कानून पारित करने के लिए उन्हें अन्य दलों पर निर्भर रहना पड़ेगा.


जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी ने 156 सीटों पर जीत का दावा किया है जो कि बहुमत से 14 सीटें कम है. जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी एंड्रयू शीर और उनकी कन्जर्वेटिव पार्टी ने 122 सीटों पर जीत का दावा किया है. इससे पहले उसकी 95 सीटें थी. इस लिहाज से कन्जर्वेटिव पार्टी के लिए ये बड़ी उपलब्धि है.


ट्रूडो ने ट्वीट किया, ''हमारी टीम में अपना विश्वास रखने और इस देश को सही दिशा में ले जाने के लिए विश्वास रखने के लिए, कनाडा, आपका धन्यवाद. भले ही आप अपना वोट कैसे दें, हमारी टीम कनाडाई लोगों के लिए कड़ी मेहनत करेगी.''





अपने पहले कार्यकाल के चार साल में ट्रूडो कनाडाई राजनीति में छाए रहे लेकिन 40 दिवसीय चुनाव प्रचार मुहिम में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. 47 साल के जस्टिन ट्रूडो ने अपने पिता और दिवंगत प्रधानमंत्री पियर ट्रूडो की अपार लोकप्रियता को आगे बढ़ाते हुए 2015 का चुनाव जीता था. ट्रुडो ने कनाडा में करीब 10 साल तक चले कंजर्वेटिव पार्टी के शासन के बाद 2015 में लिबरल पार्टी की सरकार बनाई थी.