समाजवादी पार्टी के आरोपों पर बोले मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, EVM से छेड़छाड़ का सवाल ही नहीं
सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा कि वाराणसी में EVM ट्रेनिंग के मकसद से थी. एडीएम की गलती यह थी कि उन्होंने राजनीतिक दलों को ट्रेनिंग उद्देश्यों के लिए ईवीएम की आवाजाही के बारे में सूचित नहीं किया.
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UP Election Result 2022: यूपी समेत पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आज घोषित हो रहे हैं. इस बीच इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर समाजवादी पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुशील चंद्रा ने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है. भारत के चुनाव आयोग ने हमेशा पारदर्शिता बनाए रखी है. चंद्रा ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक विशेष इंटरव्यू के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने एडीएम वाराणसी को निलंबित कर दिया है क्योंकि उन्होंने राजनीतिक दलों को प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए ईवीएम की आवाजाही के बारे में सूचित करने के लिए प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है.
ईवीएम से छेड़छाड़ का सवाल ही नहीं उठता- सीईसी
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने आगे कहा कि ने कहा कि 2004 से लगातार ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है. ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं उठता है. 2019 तक हमने हर मतदान केंद्र पर वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) बनाए रखना शुरू कर दिया है. उन्हें देखने के बाद राजनीतिक दलों के एजेंटों की मौजूदगी में ईवीएम को सील कर दिया जाता है और उनके सिग्नेचर लिए जाते हैं. डीलर ईवीएम को त्रिस्तरीय सुरक्षा के बीच स्ट्रांग रूम में रखा गया है. हमारे साइड स्ट्रांग रूम में चौबीसों घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. राजनीतिक दलों के एजेंट भी स्ट्रांग रूम पर नजर रखते हैं, इसलिए ईवीएम से किसी तरह की छेड़छाड़ का सवाल ही नहीं उठता और न ही किसी ईवीएम को स्ट्रांग रूम से बाहर निकाला जा सकता है.
No question of tampering with EVMs: CEC Sushil Chandra
— ANI Digital (@ani_digital) March 10, 2022
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हर ईवीएम का कोई न कोई नंबर- सीईसी
सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा कि वाराणसी में ईवीएम पर सवाल उठाया गया है, जो ट्रेनिंग के मकसद से थी. एडीएम की गलती यह थी कि उन्होंने राजनीतिक दलों को ट्रेनिंग उद्देश्यों के लिए ईवीएम की आवाजाही के बारे में सूचित नहीं किया था जो कि मानक संचालन प्रक्रिया थी. हर ईवीएम का कोई न कोई नंबर होता है. जब एक राजनीतिक दल के लोगों ने सवाल उठाया तो हमने उन्हें ईवीएम का नंबर दिखाया, जो चुनाव के लिए बने ईवीएम नंबर से मेल नहीं खाता था. उन्होंने पाया कि जिस प्रश्न के लिए ईवीएम नंबर उठाया गया था, वह ईवीएम नंबरों से मेल नहीं खाता था, जिसे सील करके मतगणना के लिए स्ट्रांग रूम में रखा गया था. इसके बाद वे संतुष्ट हुए. मतगणना को लेकर चंद्रा ने कहा कि मतगणना हमेशा बहुत पारदर्शी तरीके से की जाती है. इसकी एक मानक संचालन प्रक्रिया है जिसके तहत हम मतगणना करते हैं.
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