Chandra Shekhar Aazad Exclusive: छोटी-छोटी पार्टियों से गठबंधन कर विधानसभा चुनाव में उतरी समाजवादी पार्टी की आजाद समाज पार्टी से बातचीत टूट गई है. इसके बाद आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने अखिलेश यादव को लेकर कहा कि उन्हें हमारी जरूरत नहीं है. एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में चंद्रशेखर आजाद ने आगे के रुख को लेकर कहा कि अकेले चुनाव लड़ेंगे या किसी और के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, ये हम सोमवार को बताएंगे.
उन्होंने कहा, ''दो महीने से समाजवादी पार्टी के साथ बातचीत चल रही थी. एक प्रस्ताव पर सहमति बनी हुई थी. शुक्रवार को जब मैं भइया (अखिलेश यादव) से मिला तो उस प्रस्ताव में बदलाव दिखा. मैंने उस बदलाव को ठुकरा दिया. ये लड़ाई मंत्री और विधायक बनने की नहीं है, ये लड़ाई सामाजिक न्याय की है. इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए हम साथ लड़ना चाहते थे.''
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यूपी में बुरा हाल है इस समय, चाहे दलित, वंचित, पिछड़े, मुसलमान, महिलाएं हों...लूट जो यूपी में चल रही है, उस लूट को रोकने के लिए एक बड़ा गठबंधन बनना चाहिए. मैं यह चाह रहा था. उस गठबंधन में मैं भी रहना चाहता था. विपक्ष का बिखराव नहीं चाहता था. आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि बातचीत के दौरान मुझे लगा कि भइया बिना दलितों का सरकार बनाना चाहते हैं और वो प्रयास कर रहे हैं, तो मैंने मना कर दिया.
उन्होंने साथ ही कहा, ''क्या अखिलेश यादव साढ़े 22 प्रतिशत आबादी के लिए प्रतिनिधित्व केवल दो सीटें लगाते हैं? अगर त्याग ही हमें करना है तो अखिलेश यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहें कि बीजेपी को रोकने के लिए मेरे साथ आ जाओ, मेरे छोटे भाई हो. वो एक सीट नहीं दें. लेकिन बहुजन समाज की जो समस्या है उसके लिए कहें कि पहले जैसा उनके शासन में हाल नहीं होगा. अगर वह यह कहते हैं तो मैं बिना शर्त का समर्थन दूंगा. मैं उनके लिए 403 सीटों पर प्रचार करूंगा. सीटों की लालच की बात कहना गलत है. मैं स्वाभिमानी हूं, लालची नहीं.''
चंद्रशेखर आजाद ने कहा, ''मैंने दलित-आदिवासी के सम्मान की बात की. उन्होंने इस समाज के साथ मजाक किया. मैंने इसलिए अपमान की बात प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही थी. मुझे उन्होंने कहा कि विधायक का चुनाव लड़िये, हम आपको मंत्री बना देंगे. लेकिन एक चंद्रशेखर के विधायक-मंत्री बनने से कुछ नहीं होगा. जिसकी जितनी आबादी है, उतना प्रतिनिधित्व मिले.''
विधानसभा चुनाव में अगले कदम को लेकर उन्होंने कहा कि हाथरस की पीड़िता बहन, आगरा का अरुण वाल्मिकी भाई, प्रयागराज के चार लोगों की हत्या और सीएए मामले में लाठियां, उन सभी की पीड़ा को खत्म करने के लिए जो भी बलिदान देना होगा हम देंगे. हम कमजोर नहीं हैं. हमारे पास कार्यकर्ता हैं. दो दिनों का समय मैंने तय किया था. कल 10 बजे हम प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. अकेले चुनाव लड़ेंगे या किसी और के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, ये हम बता देंगे.
बीएसपी अध्यक्ष और पूर्व सीएम मायावती से गठबंधन को लेकर बातचीत पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वो बड़ी हैं. मुझसे बात नहीं करना चाहती हैं. मैं एकता चाहता था. बीजेपी को रोकने के लिए मैंने प्रयास किए.
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