महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: विधानसभा चुनाव के दौरान पहले ही मुश्किलों से जूझ रही एनसीपी के नेताओं के मतभेद अब खुलकर सामने आ गए हैं. वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने बारामती के विधायक अजित पवार को पिछले महीने उस दिन इस्तीफा देने के लिए खरी खोटी सुनाई जिस दिन शरद पवार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय जाने वाले थे.


छगन भुजबल ने कहा कि अजित पवार के इस्तीफे की वजह से शरद पवार द्वारा उठाया गया कदम ज्यादा चर्चा में नहीं आ पाया. छगन भुजबल ने दावा कि शरद पवार का कदम चुनाव में अहम मुद्दा बन सकता था और इससे एनसीपी को फायदा होता.


अजित पवार ने कहा था कि कुछ एनसीपी नेताओं की जिद के चलते 2000 में शिवसेना बाल ठाकरे की गिरफ्तारी हुई जो एक गलती थी. अजित पवार ने शिवसेना के पूर्व नेता भुजबल का नाम नहीं लिया जो बाल ठाकरे को गिरफ्तार किये जाने के समय कांग्रेस-एनसीपी सरकार में गृह मंत्री थे.


हालांकि छगन भुजबल ने कहा है कि उनकी मंशा सभी भी बाल ठाकरे को नुकसान पहुंचाने की नहीं रही. उन्होंने कहा, ''बाल ठाकरे को गिरफ्तार करने का मुद्दा उसी समय ही खत्म हो गया था. मैंने श्रीकृष्णा आयोग द्वारा मुम्बई दंगे पर तैयार की गयी फाइल पर दस्तखत किये थे. बी आर अंबेडकर की प्रतिमा की बेअदबी मामले में मुझे क्लीनचिट मिल जाने के बावजूद इस विषय पर सामना में एक खबर छपने के बाद मैंने (ठाकरे के विरूद्ध) मानहानि का मामला दर्ज किया था.''


दो दिन करना चाहिए था इंतजार


उन्होंने कहा, ''मैंने बाद में वह मामला वापस ले लिया था. उसके बाद मुझे बालासाहब और उद्धव ठाकरे ने मातोश्री आने के लिए निमंत्रित किया था. मैं वहां अपने परिवार के सदस्यों के साथ गया था और वहां करीब तीन चार घंटे रहा.'' शरद पवार के भतीजे अजित के अचानक इस्तीफे पर भुजबल ने कहा कि वह विधायक के रूप में इस्तीफा देने के लिए दो और दिनों तक इंतजार कर लेते.


भुजबल ने कहा, ''27 सितंबर को इस्तीफा देने की क्या बाध्यता थी जब पवार ने घोषणा कर दी थी कि वह मुम्बई में ईडी कार्यालय जायेंगे. अजित कहते हैं कि वह भावुक व्यक्ति हैं. लेकिन वह दो और दिन अपनी भावना पर नियंत्रण कर लेते. उस दिन शरद पवार के प्रति भारी जनसमर्थन था, लेकिन अजीत के कदम से उस दिन ध्यान बंट गया. मुझे हैरानी होती है कि इससे किसे फायदा हुआ.''


अजीत के इस्तीफे से पवार परिवार में दरार की अटकलें लगने लगी थीं. बाद में अजित ने स्पष्ट किया था कि वह यह देखकर दुखी थे कि उनके चाचा को उनकी वजह से महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले में गलत तरीके से फंसाया जा रहा है.


प्रवर्तन निदेशालय ने इस कथित घोटाले के सिलसिले में अजित, शरद पवार और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. धनशोधन के एक मामले में जमानत पर चल रहे भुजबल नासिक जिले के यवला विधानसभा क्षेत्र से एनसीपी उम्मीदवार हैं.


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