Maharashtra Vidhan Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र में कुछ ही समय बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन उसके पहले सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के टूटने पर जो सियासी बवाल खड़ा हुआ वह थमने का नाम नहीं ले रहा. मूर्ति टूटने को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आशीष शेलार, डिप्टी सीएम अजित पवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने माफी मांग ली है पर विपक्ष लगातार हमलावर नजर आ रहा है. विपक्ष का कहना है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 


सियासी बवाल के बीच केंद्र सरकार से पीएम मोदी और राज्य सरकार से तमाम बड़े नेताओं ने माफी मांगी है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माफी मांगने को लेकर कांग्रेस ने हमला किया. दिल्ली में कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "पीएम मोदी जो माफी मांग रहे है, वह ढोंग है. पीएम को सीएम और डिप्टी-सीएम को हटा देना चाहिए. यूपी के अयोध्या में राम मंदिर की छत भी चू रही है. पीएम इस पर कब माफी मागेंगे? वह सिर्फ वोट को ध्यान में रखकर माफी मांग कर रहे हैं और ढोंग कर रहे हैं." 


"अगर वाकई में पीएम माफी मांग रहे तो..."


सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कांग्रेस ने लिखा, "महाराष्ट्र की जनता और विपक्ष की घोर विरोध में आज नरेंद्र मोदी को छत्रपति शिवाजी महाराज से माफी मांगने पर मजबूर कर दिया, लेकिन ये माफी नहीं ढोंग है. अगर पीएम मोदी वाकई में इस अक्षम्य पाप के लिए माफी मांग रहे हैं तो वह महाराष्ट्र के सीएम और डिप्टी सीएम को उनके पद से हटाएं और इस प्रोजेक्ट में जिन लोगों की संलिप्तता थी, उन पर कड़ी कार्रवाई करें. ये अपमान महाराष्ट्र न भूलेगा, न माफ करेगा."


हम 100 बार पैर छूने को तैयार- CM एकनाथ शिंदे


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र का दौरा किया. उन्होंने इस दौरान पालघर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने 76,000 करोड़ रुपए की लागत से बने वाधवन पोर्ट की आधारशिला रखी और उसका शिलान्यास किया. मूर्ति गिरने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में माफी मांगी थी और कहा था कि वह 100 बार पैर छूने के लिए भी तैयार हैं. 


छत्रपति शिवाजी की मूर्ति का किसे दिया गया था टेंडर?


छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का आठ महीने पहले ही सिंधुदुर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेवी दिवस के मौके पर अनावरण किया था. इसी को लेकर विपक्ष का कहना है कि मूर्ति स्थापना में कहीं न कहीं बड़े घोटाले की साजिश रची गई है. मूर्ति बनाने का टेंडर एकनाथ शिंदे के बेटे के दोस्त जयदीप आप्टे को दिया गया था. 


जूता मारो आंदोलन की होगी शुरुआत


शिवसेना (UBT) के सांसद ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा था कि एक सितंबर को विपक्ष सरकार के खिलाफ जूता मारो आंदोलन की शुरुआत करेगा. इस आंदोलन के तहत एक सितंबर को सुबह 11 बजे गेटवे ऑफ इंडिया के हुतात्मा चौक से छत्रपति शिवाजी की मूर्ति तक मार्च निकाला जाएगा, जिसमें शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के शरद पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले समेत कई नेता शामिल होंगे. अब देखना ये है कि इस पूरे घटनाक्रम का महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ता है.


महाराष्ट्र चुनाव पर कैसे पड़ेगा मुद्दे का असर?


दरअसल, महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज बड़े पब्लिक फिगर माने जाते हैं. विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष में एमवीए यानी कि कांग्रेस, एनसीपी (पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव गुट) वाला गठबंधन इस मामले को बड़ा मुद्दा बनाना चाहता है. उसे लगता है कि वह इस मुद्दे के जरिए बीजेपी और एनडीए के वोटबैंक में चुनाव से पहले सेंध लगा सकता है. राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि अगर यही स्थिति रही तो जिस तरह अभी यह मुद्दा बीजेपी के टॉप नेताओं को सांस नहीं लेने दे रहा है, उसी तरह आने वाले दिनों में उसके लिए गले की फांस भी बन सकता है.


यह भी पढ़ें- छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को लेकर PM मोदी ने मांगी माफी, MVA के घटक दलों ने क्या कहा?