Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले किस वजह से बढ़ी बीजेपी-कांग्रेस की टेंशन! जानें किन नेताओ पर रहेगी नजर
Chhattisgarh Assembly Election: छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव साल के अंत में होना है. उससे पहले एक संगठन का चुनावी मैदान में उतरने से बीजेपी और कांग्रेस के खेमो में घबराहट बढ़ सकती है. जानें वजह.
Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिरी में विधानसभा का चुनाव होना है. जिसको लेकर राज्य की सियासी पारा बढ़ा हुआ है. बीजेपी कांग्रेस समेत क्षेत्रीय दल भी अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई है. इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल की AAP और राज्य की सर्व आदिवासी समाज ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है. अब इसको लेकर छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस की टेंशन बढ़ सकती है.
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार है. राज्य में करीब 15 सालों के बाद पिछली बार बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ी थी. वही इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच सर्व आदिवासी समाज के आ जाने से कई उलटफेर की संभावना है. राज्य के विधानसभा में कुल 90 सीटें है, जिसमें पिछली लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 68 सीटें, बीजेपी को 15 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि अन्य को 7 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इसी क्रम में जानें किस नेता पर सबसे ज्यादा नजर रहेगी.
त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार
साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में सर्व आदिवासी समाज ने राज्य की कुल 50 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारने की घोषणा की है. पार्टी का कहना है कि वो वह उन सभी जगहों से चुनावी मैदान में होगी जो समाज के लिए रिजर्व है और जहां आदिवासी मतदाताएं अधिक हैं.
बता दें कि राज्य में हुए 2018 के विधानसभा चुनाव में भी ऐसी ही स्थिति थी. उस समय मायावती की पार्टी बीएसपी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ दल के गठबंधन ने सारे चुनावी आकलन को धराशायी कर दिया था. चुनाव में इस गठबंधन को तो केवल सात सीटें मिली लेकिन कई जगहों पर बीजेपी को इससे नुकसान उठाना पड़ा था. उस चुनाव में बीएसपी को दो और जेसीसी को 5 सीटें मिली थी.
इन नेताओं पर रहेगी नजर!
इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नजर भूपेश बघेल पर रहने वाली है. बघेल को पिछले चुनाव में मिली जबरदस्त जीत के बाद सीएम बनाया गया था. वहीं, इस बार भी कांग्रेस की ओर से उनके चेहरे पर ही चुनाव लड़ने की तैयारी है. दूसरे नंबर पर राज्य के पूर्व सीएम और बीजेपी के दिग्गज डॉ रमन सिंह आते हैं. बीजेपी ने अभी तक इनके सीएम पद के चेहरे को लेकर कोई घोषणा नहीं की है. हालांकि राज्य के एक मात्र पूर्व सीएम पर सबका ध्यान रहने वाला है.
कांग्रेस के धांकर नेता टीएस सिंहदेव पर भी खास नजर रहने वाला है. कहा जाता है कि 2018 के चुनाव में इन्हीं के नेतृत्व में पार्टी का घोषणा पत्र बना था. टीएस सिंहदेव वर्तमान में राज्य के उप मुख्यमंत्री है. वहीं, चुनाव को त्रिकोणीय बनाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और सर्व आदिवासी समाज के नेता अरविंद नेताम पर खास नजर होगी. आदिवासी वोटर्स को लेकर इनकी घोषणा से बीजेपी और कांग्रेस दोनों खेमे में घबराहट देखने को मिल सकता है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता नारायण चंदेल भी बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए एड़ी चोटी का दम लगा सकते है. ऐसे में इन पर खास नजर रहने वाली है.