Chhattisgarh News: प्रत्याशियों (Candidate) को चुनावी खर्च के एक-एक रुपए का हिसाब रखना होगा. उनका यह चुनावी बहीखाता उसी दिन से क्रियाशील मान लिया जाएगा जिस दिन वे नामांकन फॉर्म जमा करेंगे. चुनाव परिणाम आने तक उनका हर निर्वाचन (Elections) खर्च इसमें जोड़ा जाएगा. निर्वाचन में प्रत्याशी के लिए चुनावी खर्च का हिसाब-किताब रखना काफी महत्वपूर्ण होता है. निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है जिससे अधिक राशि वे खर्च नहीं कर सकते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में प्रत्याशी के खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख रुपए थी जिसे बढ़ाकर इस बार 40 लाख रुपए कर दी गई है.
नियमानुसार प्रत्याशी के चुनावी खर्च की गणना उसके द्वारा नामांकन फॉर्म दाखिल करने के दिन से शुरू हो जाएगी जो चुनाव परिणाम आने तक चलेगी. इस चुनाव में यदि कोई प्रत्याशी गजट नोटिफिकेशन के पहले दिन ही नामांकन दाखिल कर रहा है तो अधिकतम 44 दिन तक उसके खर्च पर निगरानी रखी जाएगी.
शुरू हो चुकी है पार्टी के चुनावी खर्च की गणना
चुनाव के खर्च का आंकलन दो स्तर पर होता है. पहला स्तर प्रत्याशी के स्वयं का चुनावी खर्च और दूसरा राजनीतिक दल का चुनावी खर्च. राजनीतिक दल के चुनावी खर्च की गणना आचार संहिता लागू होने के दिन से ही शुरू हो जाती है. प्रदेश में 9 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई है. इसी दिन से राजनीतिक दलों का चुनावी खर्च शुरू हो गया है. राजनीतिक दलों के चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है.
प्रत्याशी को चुनाव के लिए अलग से बैंक खाता खुलवाना होगा. इसकी जानकारी नामांकन फॉर्म में देना होगी. विधानसभा चुनाव को लेकर 21 अक्टूबर को गजट नोटिफिकेशन जारी होगा. चुनाव लड़ने के इच्छुक इस दिन से नामांकन फॉर्म दाखिल कर सकेंगे. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर है. 21 से 30 अक्टूबर तक जो आवेदक जिस दिन नामांकन दाखिल करेगा. उसी दिन से उनका चुनावी खर्च भी जुड़ना शुरू हो जाएगा. 2 नवंबर को नाम वापसी की आखिरी तारीख रहेगी. यदि कोई अभ्यर्थी नाम वापस ले लेता है तो उसका चुनावी खर्च का रजिस्टर बंद हो जाएगा. आगे चुनावी खर्च की गणना नहीं होगी. जो चुनाव लड़ेंगे उनका चुनावी खर्च परिणाम आने तक यानी 3 दिसंबर तक जोड़ा जाएगा.
बीच-बीच में देना होगा ब्यौरा
प्रत्याशी के चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देश पर व्यय निगरानी समिति का गठन किया गया है. विभिन्न गठित दल तो अभ्यर्थियों के खर्च पर निगरानी रखते हुए आंकलन करेंगे, साथ ही प्रत्याशी की ओर से भी हर थोड़े दिन में अपने खर्च का ब्यौरा निगरानी समिति के समक्ष प्रस्तुत करना होगा.
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