Chhattisgarh Election Results: देश के चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों में सबसे ज्यादा हैरानी छत्तीसगढ़ के रिजल्ट को देखकर हुई है. रविवार (3 दिसंबर) को जब चुनावी रिजल्ट आया, तो बीजेपी इसमें विजयी बनकर उभरी. बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में 54 सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस के खाते में 90 में से सिर्फ 35 सीटें ही आईं. इस तरह बीजेपी ने बहुमत के लिए जरूरी 46 सीटों से ज्यादा विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की. 


छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार के पीछे राज्य के उत्तर-दक्षिण इलाकों में आदिवासी वोटों का काफी महत्व रहा है. कांग्रेस ने पिछली बार इन दोनों ही क्षेत्रों में मौजूद 26 विधानसभा सीटों में से 25 पर जीत हासिल की थी. हालांकि, इस बार उत्तर-दक्षिण इलाकों के आदिवासी वोट कहीं न कहीं बीजेपी के खाते में गए, जिसकी वजह से उसकी सरकार बन रही है. इस चुनावी नतीजों ने दिखाया है कि आदिवासी वोट किस तरह से अब बीजेपी के पाले में पहुंच गया है. 


उत्तर में बीजेपी ने कितनी सीटें जीतीं


आदिवासी बहुल उत्तर क्षेत्र सरगुजा में कुल मिलाकर 14 सीटें हैं. इसमें से नौ सीटें आदिवासी समाज के लिए रिजर्व हैं. भरतपुर सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, रामानुगंज, सामरी, लुंड्रा, अंबिकापुर, सीतापुर, जशपुर, कुनकुरी और पत्थलगांव सीटें सरगुजा संभाग का हिस्सा हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने यहां से सभी सीटों पर जीत हासिल की थी. 


यहां जीत के चलते ही कांग्रेस ने बीजेपी को पिछली बार 15 सालों में पहली बार हराया था. इस साल मामला बिल्कुल उल्टा हुआ है. बीजेपी ने यहां पर सभी सीटों पर जीत हासिल की है. इस तरह पता चलता है कि उत्तर छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज ने पूरी तरह से बीजेपी को अपना समर्थन दिया है. 


दक्षिण में क्या रहा हाल? 


छत्तीसगढ़ के दक्षिण में बस्तर संभाग आता है, जहां कुल 12 सीटें हैं, जिसमें से 11 अनुसूचित जनजाति के वर्ग के लिए रिजर्व की गई हैं. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां की 11 सीटों पर जीत मिली थी. इस साल हुए चुनाव में बीजेपी ने यहां की सात सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस को चार सीटों पर जीत मिली है. बीजेपी ने जिन सीटों को जीता है, उसमें अंतागढ़, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, जगदलपुर, चित्रकोट और दंतेवाड़ा शामिल हैं.


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