रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्पष्ट तौर पर कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. अभी तक की गणना के बाद कांग्रेस के खाते में 69 सीटें दिख रही हैं जबकि बीजेपी के पास 11 सीटें दिखाई दे रही हैं. अजीत जोगी गठबंधन के पास 9 सीटें जबकि अन्य के पास एक सीट दिखाई दे रही है.


छत्तीसगढ़ के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जश्न का माहौल है जबकि बीजेपी ऑफिस पर सन्नाटा पसरा हुआ है. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि कांग्रेस की ओर से छत्तीसगढ़ में सीएम कौन होगा. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के चार बड़े नेता इस रेस में शामिल हैं, हालांकि मुख्य मुकाबला भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच माना जा रहा है.


1. भूपेश बघेल- बघेल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं. वो जनता के बीच पहचान बनाने में सफल रहे हैं. उन्होंने पूरे प्रदेश में यात्राएं भी की हैं और कार्यकर्ताओं के बीच भी उनकी मान्यता है. रमन सिंह सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए भी उन्हें जाना जाता है.


2. टीएस सिंहदेव- सरगुजा के राज परिवार से संबंध रखने वाले सिंहदेव नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहे हैं. सिंहदेव छत्तीगढ़ के सबसे अमीर विधायक हैं. ठाकुर वोटरों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं और कांग्रेस की अग्रिम कतार के नेताओं में से एक हैं.


3. ताम्रराज साहू- साहू को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और वो ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. दुर्ग के रहने वाले साहू कांग्रेस ओबीसी सेल के भी प्रमुख हैं. करीब 18 सीटों पर ओबीसी वोटर निर्णायक स्थिति में हैं. वासुदेव चंद्राकर की बेटी का टिकट काट कर साहू को दिया गया था.


4. चरण दास महंत- महंत पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे हैं. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक हैं. पिछला विधानसभा चुनाव महंत के नेतृत्व में ही लड़ा गया था. उनके पास लंबा प्रशासनिक अनुभव भी है. कार्यकर्ताओं के बीच भी महंत खासे लोकप्रिय हैं.


बघेल ने खुद को घोषित किया सीएम पद का दावेदार


भूपेश बघेल ने कहा है कि कांग्रेस के जितने भी प्रत्याशी जीत कर आएंगे, वो सभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. उनमें से मैं भी एक हूं. बघेल ने कहा कि प्रदेश में यह जीत संगठन की जीत है और राहुल गांधी की जीत है. भूपेश बघेल का कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में जबरदस्त स्वागत किया.


छत्तीसगढ़ का गणित


2013 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी 49 और कांग्रेस ने 39 सीट पर जीत दर्ज की थी. वहीं बीएसपी और अन्य के खाते में 1-1 सीट गई थी. लगातार तीन बार से बीजेपी यहां सरकार बनाने में कामयाब हो रही थी लेकिन इस बार बाजी कांग्रेस के पास आ गई है.