रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित किया कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी जिसे भी विधायक दल का नेता चुनेंगे, वह उन्हें स्वीकार होगा. कांग्रेस के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि कांग्रेस विधायकों ने प्रस्ताव पास किया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जिसे भी विधायक दल का नेता चुनेंगे उन्हें स्वीकार होगा. लेकिन आंतरिक लोकतंत्र को ध्यान में रखते हुए यहां सभी नवनिर्वाचित विधायकों से रायशुमारी ली जा रही है. इसके बाद नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा जाएगा. छत्तीसगढ़ में पिछले 15 वर्षों से सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी को हराकर कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की है.
राज्य में कांग्रेस को 15 वर्षों के बाद बड़ी जीत दिलाने में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सिंहदेव और बघेल मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. सिंहेदव ने अंबिकापुर से और बघेल ने पाटन से जीत हासिल की है. राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेता और दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद ताम्रध्वज भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक हैं. साहू ने दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट से जीत हासिल की है. साहू की साफ सुथरी छवि और अन्य पिछड़ा वर्ग में मजबूत पकड़ होने के कारण उन्हें भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है.
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणदास महंत भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक हैं. महंत पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं और अविभाजित मध्य प्रदेश में भी मंत्री रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी होने के कारण उन्हें भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है. राज्य में कांग्रेस को 90 में से 68 सीट मिली हैं. वहीं, बीजेपी के हिस्से में महज 15 सीट आयी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ :जे: और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन को सात सीटों पर जीत मिली है. राज्य में वर्ष 2003 से लगातार रमन सिंह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. हार की जिम्मेदारी लेते हुए सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
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