Chunavi kissa: मां की हत्या के दिन ही पीएम बने थे राजीव, उसी दिन बोले थे- मैं भी मारा जाऊंगा
Chunavi kissa: इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी ने उसी दिन प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. सोनिया गांधी के रोकने पर उन्होंने कहा था कि उनकी हत्या भी तय है. वह देश के सबसे युवा पीएम बने थे.
Chunavi kissa: लोकसभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 4 जून को नतीजे आने के साथ यह प्रक्रिया पूरी होगी. इस चुनाव के जरिए देश की 18वीं लोकसभा के सदस्य चुने जाएंगे. पूरे देश में चुनाव का माहौल है और यहां हम चुनाव से जुड़ा ऐसा ही किस्सा बता रहे हैं. यह किस्सा देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी का है, जिन्होंने मां की हत्या के कुछ घंटे बाद ही प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. दिलचस्प बात यह है कि इसी दिन राजीव गांधी ने बता दिया था कि उनकी भी हत्या होगी और इस घटना के लगभग 6 साल बाद राजीव की भी हत्या हो गई थी. सोनिया ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जिस दिन राजीव गांधी की हत्या हुई थी, उस दिन वह भी उनके साथ जाने वाली थीं, लेकिन प्लेन में जगह कम होने के कारण वह नहीं गईं. अगर सोनिया राजीव के साथ होती तो राजीव के साथ उनकी मौत भी तय थी. क्योंकि हमले में राजव के पास मौजूद 14 अन्य लोग भी मारे गए थे.
31 अक्टूबर 1984 की सुबह पीएम इंदिरा गांधी को उनके ही सुरक्षाकर्मियों ने गोलियों से भून दिया था. इसके बाद कांग्रेस पार्टी के नेता सकते में आ गए. फैसला हुआ की राजीव गांधी ही देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे. सोनिया गांधी इसके खिलाफ थीं. सोनिया ने कहा कि अगर राजीव पीएम बनते हैं तो उनकी जान पर भी खतरा बना रहेगा. इस पर राजीव ने कहा कि वह इंदिरा के बेटे हैं और जो लोग उन्हें पसंद नहीं करते हैं, वे उन्हें वैसे भी नहीं छोड़ेंगे.
मुश्किल समय में संभाला था देश
इंदिरा गांधी ने स्वर्ण मंदिर में कार्रवाई करवाई थी. इसी का बदला लेने के लिए सिख समुदाय के उनके सुरक्षाकर्मियों ने उनकी हत्या की थी. इसके बाद दंगे भड़क गए थे और सिख समुदाय के हजारों लोगों की हत्या हुई थी. ऐसे में कई वैश्विक नेताओं का मानना था कि अखंड राष्ट्र के रूप में भारत का भविष्य मुश्किल है. हालांकि, राजीव ने सभी को गलत साबित किया और ऐतिहासिक फैसले लिए. वह देश में कंप्यूटर लेकर आए और बीएसएनएल जैसी कंपनी बनाई, जिससे देश में संचार और आईटी के क्षेत्र में काफी तरक्की हुई. मई 1991 में कांग्रेस के लिए प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदुर में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई. हमलावर ने राजीव के पास आकर खुद को बम से उड़ा लिया था.
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