नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा और जुबानी हमले के बीच एक दिन पहले यानि आज चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा. तय समय के मुताबिक, 19 मई को होने वाले चुनाव के लिए प्रचार 17 मई की शाम को खत्म होना था. लेकिन चुनाव आयोग ने बुधवार को एक आदेश जारी कर कहा कि पश्चिम बंगाल में 16 मई को रात दस बजे से हर प्रकार का प्रचार अभियान प्रतिबंधित हो जायेगा.


उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में बताया, ''देश के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनजर किसी चुनाव में निर्धारित अवधि से पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करना पड़ा हो.''


चुनाव आयोग के इस कदम की टीएमसी अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आलोचना की है. बुधवार को ममता ने कहा कि यह आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपहार दिया है जो ‘अभूतपूर्व, असंवैधानिक और अनैतिक’ है. पहले कभी इस तरह का चुनाव आयोग नहीं देखा जो ‘आरएसएस के लोगों से भरा पड़ा’ है.


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज बंगाल में अंतिम रैली है और उनकी रैली खत्म करने के ठीक बाद प्रचार पर चुनाव आयोग रोक लगा रहा है. पीएम मोदी आज शाम पांच बजे के करीब बंगाल के मथुरापुर में और शाम सात बजे के करीब सूबे के दमदम में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे.


टीएमसी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की ऐसी कोई समस्या नहीं है कि अनुच्छेद 324 लागू किया जाए. यह अभूतपूर्व, असंवैधानिक और अनैतिक है. यह दरसअल मोदी और अमित शाह को उपहार है.’’


दो अधिकारी भी हटाए गए


आयोग ने पश्चिम बंगाल के प्रधान सचिव (गृह) अत्रि भट्टाचार्य और सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक राजीव कुमार को उनके पदों से हटाने का भी आदेश दिया है. इस पर बनर्जी ने कहा कि दोनों अधिकारियों को ‘‘चुनाव आयोग ने नहीं, बल्कि मोदी और अमित शाह ने हटाया है’’.


ध्यान रहे कि लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान में पश्चिम बंगाल की 9 सीटें भी शामिल हैं. अब चुनाव कार्यक्रम के अनुसार पश्चिम बंगाल को छोड़कर इस चरण के मतदान से 48 घंटे पहले, 17 मई को शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार थमेगा.


उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने स्पष्ट किया कि मंगलवार को कोलकाता में समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चुनाव आयोग ने गंभीर नाराजगी प्रकट करते हुये यह कार्रवाई की है.


कैसे शुरू हुआ विवाद?
पश्चिम बंगाल में पिछले छह चरणों के चुनाव में हिंसा देखने को मिली है. लेकिन मंगलवार को बीजेपी और टीएमसी समर्थकों के बीच अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसक झड़पें हुईं थीं और शाह को इस कारण से बीच में ही अपना कार्यक्रम खत्म करना पड़ा था. समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ दी गई. बीजेपी और टीएमसी ने इस घटना के लिए बुधवार को एक-दूसरे पर आरोप मढ़े. वहीं कांग्रेस और वामदलों ने भी बीजेपी पर हिंसा फैलाने के आरोप लगाए और प्रदर्शन किया.


ममता बनर्जी ने अमित शाह के रोडशो के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ के खिलाफ देर रात मार्च निकाला. शहर के प्रमुख बुद्धिजीवियों के साथ ममता बनर्जी ने बेलाघाटा में गांधी भवन से मार्च निकाला और लगभग 6 किमी की दूरी तय करके शहर के उत्तरी हिस्से में श्यामबाजार फाइव-प्वाइंट क्रॉसिंग तक पहुंची. मार्च में भाग लेने वाले तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की और ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़े जाने की घटना की निंदा की.