बसपा चीफ मायावती ने भतीजे आकाश आनंद का कद फिर से बढ़ा दिया है. आकाश आनंद को बसपा का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया है. मायावती ने दूसरी बार आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाया है. इससे पहले मई में मायावती ने उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेट पद से हटा दिया था. लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती ने कहा था कि पार्टी के हित में उनको अभी और परिपक्व होने की आवश्यकता है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या सिर्फ 47 दिन में आकाश आनंद परिपक्व हो गए.


मायावती द्वारा आकाश आनंद का कद बढ़ाए जाने पर बसपा से कांग्रेस में आए सांसद दानिश अली ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. दानिश अली ने कहा, आकाश आनंद बीजेपी के खिलाफ जमकर प्रचार कर रहे थे, तब कहीं न कहीं  से दबाव आया होगा. जैसा लोग एनालिसिस कर रहे हैं, इसके बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है. ये उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है. ये बात उनकी पार्टी के नेताओं से पूछी जानी चाहिए.
 
यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. अजय राय ने कहा, अब चुनाव से पहले जो होना था, चुनाव के बाद करने का क्या मतलब है. जो लोग पहले कहते थे कि उनकी भूमिका क्या है? ये प्रश्नचिन्ह लग गया कि चुनाव से पहले आकाश आनंद खराब थे और अब आकाश आनंद अच्छे हो गए. इसे जनता को समझना चाहिए.


क्यों हटाए गए थे आकाश आनंद?

आकाश आनंद BSP सुप्रीमों मायावती के भाई के बेटे हैं. लंदन के इंस्टीट्यूट से एमबीए की पढ़ाई की है. मायावती ने लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के दौरान आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाया था. तब उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा था, उनकी पार्टी बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के स्वाभिमान और सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए एक आंदोलन है. इसके लिए मैने और कांशीराम जी ने अपना जीवन समर्पित किया और इस आंदोलन तो और भी आगे बढ़ाने के लिए हम नई पीढ़ी को जोड़ रहे हैं. यही कारण है कि हमने आकाश आनंद को समन्वयक बनाया था, लेकिन पार्टी के हित में उनको अभी और परिवक्व होने की आवश्यक्ता है. हालांकि, मायावती ने आकाश आनंद को हटाए जाने की वजह नहीं बताया था. 


लेकिन माना गया था कि मायावती ने आकाश आनंद के सीतापुर में एक चुनावी रैली के दौरान दिए गए भाषण की वजह से ये कार्रवाई की थी. दरअसल, इस रैली में आकाश आनंद ने बीजेपी सरकार को आतंकवादी बताया था. इस बयान को लेकर उनपर FIR भी हुई थी.