Himachal Election Result 2022: हिमाचल में क्यों कांग्रेस को सता रहा है ऑपरेशन लोटस का डर, जानिए- 5 वजहें
Operation Lotus: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे अभी घोषित भी नहीं हुए हैं, लेकिन उससे पहले कांग्रेस को ऑपरेशन लोटस का डर सताने लगा है. इसके पीछे की वजह भी है. जानिए वो कारण.
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Himachal Pradesh Result 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं और तस्वीर साफ हो चुकी है. राज्य में 5 साल बाद सत्ता परिवर्तन का रवायत जारी है. बीजेपी इस बार सत्ता से बाहर और कांग्रेस के हाथ में सत्ता जाती दिख रही है. हालांकि शुरुआती रुझानों में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही थी लेकिन अब बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी बन रही है.
खबर लिखे जाने तक शुरुआती रुझानों में कांग्रेस 39 सीटों और बीजेपी 26 सीटों पर आगे चल रही है. कांग्रेस को जीत की खुशी तो है ही लेकिन इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं यहां भी ऑपरेशन लोटस न चल जाए. इसकी असली वजह तब सामने आई जब हिमाचल प्रदेश में चुनाव पर्यवेक्षक और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने एक बयान देते हुए कहा कि पार्टी विधायकों को बीजेपी से खतरा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी किसी भी स्तर तक जा सकती है और विधायकों को संभालकर रखना पड़ेगा.
तो वहीं, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा हम जनाधार का सम्मान करते हैं और थोड़ी देर में राज्यपाल को इस्तीफा सौंप देंगे. अब बहुमत को संभालना कांग्रेस का काम है. उन्होंने कहा कि बहुत सी सीटें ऐसी रही हैं जिन पर हम बेहद कम अंतर से हारे हैं. 11 सीटों पर हार जीत का फैसला बहुत कम अंतर से हुआ और वोट पर्सेंटेज में सिर्फ 1 प्रतिशत का गैप रहा है.
कांग्रेस को ऑपरेशन लोटस का डर क्यों सता रहा?
- दरअसल, बीते सालों के पन्ने उलट कर देखें तो कई बार ऐसा हो चुका है कि कांग्रेस का खेल बिगड़ा है और सत्ता से बाहर होना पड़ा है. हाल ही में महाराष्ट्र की राजनीति में क्या हुआ ये सभी जानते हैं. शिवसेना के नेतृत्व में महाअघाड़ी की सरकार थी, जिसमें एनसीपी और कांग्रेस भी शामिल थी. फिर एकनाथ शिंदे के गुट के विधायक असम में डेरा डाल लेते हैं और वापसी बीजेपी के साथ सत्ता पाने पर करते हैं.
- साल 2018 में मध्य प्रदेश में 15 सालों बाद कांग्रेस को सत्ता में वापस आने का मौका मिला था और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद कांग्रेस को ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत का सामना करना पड़ा. इस बात का बीजेपी ने फायदा उठाया और सिंधिया ग्रुप के 22 विधायकों को अपने पाले में कर लिया.
- साल 2017 में मणिपुर में भी कांग्रेस चुनाव जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी. कांग्रेस ने यहां 28 सीटें जीती थीं जबकि बीजेपी ने 21 सीटें ही जीती थीं लेकिन यहां भी कांग्रेस को बगावत का सामना करना पड़ा और बीजेपी ने इसका फायदा उठाकर अपनी सरकार बना ली.
- साल 2017 में गोवा में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी और फिर कांग्रेस को सत्ता से दूर रहना पड़ा. यहां पर भी बीजेपी पर ऑपरेशन लोटस का आरोप लगा और कांग्रेस के 10 विधायकों ने एक साथ गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई.
- साल 2016 में उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार को 9 विधायकों के विद्रोह में उलझा दिया गया था. इन विधायकों के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य ठहरा दिया इसके बाद, कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर दिया गया और उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाया गया. उस वक्त कांग्रेस ने बगावत के पीछे बीजेपी का हाथ होने का आरोप लगाया था. बागी विधायक बाद में बीजेपी में शामिल हो गए.
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